मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना’ के तहत किसानों को बीज उत्पादन के लिए 15 करोड़ रुपए की लागत से बीज उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह राशि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना से स्वीकृत की गई है।
बीज स्वावलम्बन योजना के तहत संबंधित फसलों की 10 वर्ष से कम अवधि की अधिसूचित किस्मों का बीज उत्पादन किया जाएगा। खरीफ फसल में ज्वार, सोयाबीन, मूंगफली, मूंगफली, मूंग, मोठ एवं उड़द की फसलों को शामिल किया गया है। रबी में गेहूं, जौ, चना फसलों को शामिल किया गया है। प्रगतिशील व फसल विशेष की खेती में रुचि रखने वाले 30-50 कृषक जिनका उस फसल विशेष का सामान्य रूप से बोया जाने वाला क्षेत्रफल 50 से 100 हैक्टर तक होगा उनका समूह गठित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा में मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना के आकार को दोगुना कर आगामी 2 वर्षों में 50 हजार कृषकों को लाभान्वित किए जाने की घोषणा की थी। इसके लिए 30 करोड़ रूपए व्यय कर 9 लाख क्विंटल बीज का उत्पादन करवाया जाएगा।
उत्पादित बीज की विक्रय दरों का निर्धारण भी समूह के सदस्यों की ओर से किया जाएगा, लेकिन निर्धारित विक्रय दरें संबंधित फसल की प्रचलित बाजार दरों से 10 प्रतिशत अधिक ही रखनी होगी।
मुख्यमंत्री बीज स्वावलम्बन योजना के तहत कृषकों का समूह बनाकर बीज उत्पादित किया जाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए कृषक किसान सेवा केन्द्र में संपर्क कर योजना से लाभान्वित हो सकते हैं।
इस योजना के तहत अच्छी किस्म के बीजो को एकत्रित किया जाता है और उन्हे विकसित किया जाता है। इस योजना से किसानो को बहुत ही अधिक लाभ मिलने वाला है।