झारखंड सरकार ने सौर ऊर्जा के व्यापक विस्तार हेतु सौर ऊर्जा नीति 2022 लागू कर दी है, जिसके तहत सौर ऊर्जा से 4,000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य 2022-23 से 2026-27 के लिए निर्धारित किया गया है। सौर ऊर्जा नीति के तहत राज्य में सोलर पार्क, कैनाल टॉप सोलर, फ़्लोटिंग सोलर जैसी कई योजनाओं के माध्यम से राज्य में सौर ऊर्जा का विकास किया जाएगा।
झारखंड सरकार किसानों को कुसुम योजना के तहत सोलर पंप कुल 96 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी| इसका लाभ लगभग 8 हजार किसानों को दिया जाएगा| इसमें किसानों को राज्य सरकार की एजेंसी जेरेडा द्वारा 66 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगा, तो वहीं केंद्र सरकार द्वारा 30 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी, यानी किसानों को मात्र 4 प्रतिशत की राशि का ही भुगतान करना होगा|
राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद राज्य के किसानों को सिंचाई के वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराने की दिशा में एक कदम और बढ़ाया जा रहा है। जिसके तहत किसान सोलर वॉटर पम्प सेट योजना हेतु वेब पोर्टल का उद्घाटन किया जाएगा। इस वेब पोर्टल के ज़रिए किसानों को सोलर पम्प सेट प्राप्त करने हेतु प्रारम्भिक चरण से सोलर पम्प के वितरण एवं अधिष्ठापन, संचालन एवं 5 वर्ष तक उसके रख रखाव की प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाने के लिए डेटा संग्रहण, डेटा विश्लेषण एवं ऑनलाइन मानिटरिंग की जाएगी। पोर्टल के माध्यम से किसान सोलर पम्प सेट प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन की स्थिति देख सकेंगे।
प्रथम चरण में अब तक क़रीब 6717 किसानों को सोलर पम्प सेट पूरे राज्य में दिए जा चुके हैं। जिसमें 2020 से 22 तक राज्य भर में 6500 सोलर पम्प सेट लगे हैं। सोलर पम्प सेट लगाने में झारखंड पूरे देश में 5वां स्थान रखता है। दूसरे चरण में राज्य सरकार ने 10 हजार सोलर पम्प सेट लगाने का लक्ष्य तय किया है।