जलवायु परिवर्तन का असर गेहूं पर ही नहीं सब्जियों और फलों पर भी पड़ा है महाराष्ट्र में अनार केला और अंगूर जैसे हेलो फलों पर जहां कई तरह के कीट कीटोन है की फसल को बुरी तरीके से प्रभावित किया है वही किसानों के सामने अब अपनी उपज बेचने में भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है|
महाराष्ट्र के अंगूर उत्पादक परेशान हैं| उनकी उपज का खरीदार कम आ रहा है| पहले बारिश, फिर गर्मी और फिर लगातार बदलते तापमान ने अंगूर उत्पादकों की परेशानी बढ़ा दी है| इस साल अंगूर बगीचों में कई तरीके के कीटो ने हमला बोला| किसानों ने अपनी फसल बचाने के लिए बाजार से दवाएं खरीदी| इन दवाओं का अंगूर की बेलों के ऊपर छिड़काव किया| बहुत कोशिश के बावजूद कीट का प्रयोग प्रभाव कम नहीं हुआ|
फसल को नुकसान ज्यादा हुआ| अब खरीदार ना आने के कारण किसानों ने नकली कीटनाशक होने का अंदेशा जताया है| अंगूर के बागान मालिकों ने सरकार से महाराष्ट्र में बेचे भेजे गए कीटनाशकों की जांच कराने की मांग की है| जलवायु परिवर्तन और कीटनाशको के असर सेअंगूर की मिठास भी कम होने की जानकारी प्रभावित किसानों ने दी है|
केले के पत्ते फट रहे हैं केले के बागों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा हैं ,किसानों का कहना हैं कि बदलते मौसम ने सब कुछ खराब कर दिया, इससे पहले गर्मी के मौसम में फसलें इतनी खराब कभी नहीं हुई हैं|
देश के कई हिस्सों में अंगूर की खेती की जाती है, लेकिन महाराष्ट्र का नासिक जिला अंगूर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है| नासिक में इतनी ज्यादा अंगूर की खेती की जाती है कि माना जाता है| देश का 70 फीसदी अंगूर नासिक में ही होता है|