जर्दालू आम, कतरनी चूड़ा व चावल की ब्रांडिंग होगी। इस साल 500 क्विंटल जर्दालू आम विदेश भेजने की तैयारी अभी से शुरू की जा रही है। इसके लिए हर प्रखंड में जर्दालू उत्पादक संघ की ओर से पांच लोगों की कमेटी बनाई जा रही है, जो गुणवत्तापूर्ण उत्पाद पर ध्यान देगा।
एपीडा के क्षेत्रीय अधिकारी डा. सीपी सिंह द्वारा किसानों को बताया गया कि जर्दालू आम, कतरनी चूड़ा व चावल की मांग विदेश में काफी है। अरब कंट्री बहरीन से लगातार कतरनी चावल व चूड़ा की मांग की जा रही है। साथी इंग्लैंड व नीदरलैंड से लगातार मांग की जा रही है।
आम उत्पादक किसानों को बताया कि पिछले साल जिले से लंदन भेजे गए जर्दालू आम की गुणवत्ता की काफी सराहना की गई।
इस संबंध में एपीडा की ओर से किसानों के उत्पाद को निर्यात के लिए आवश्यक सभी प्रकार के सहयोग प्रदान करने के लिए अप्रैल के अंतिम सप्ताह में एक कार्यक्रम किसानों के साथ आयोजित करने का सुझाव दिया| जर्दालू आम की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए तकनीकी मार्गदर्शन दिया। जैविक तरीके से जर्दालू आम का उत्पादन, पैकेटिंग एवं फ्रूट कैपिंग आदि की विस्तृत जानकारी दी।
‘आत्मा’ द्वारा भागलपुरी जर्दालू आम उन्नयन कर्मशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में 42 जर्दालू आम उत्पादक किसानों ने तकनीकी जानकारी प्राप्त की। एपीडा के अधिकारी अप्रैल के अंतिम सप्ताह में भागलपुर आकर जर्दालू आम को देखेंगे और किसानों से जानकारी प्राप्त करेंगे। साथ ही इस मामले में जिलाधिकारी सहित कृषि विभाग के अधिकारी से भी मुलाकात करेंगे। जर्दालू आम व कतरनी चूड़ा और चावल के संबंध में किसानों के साथ साथ जिले के अधिकारियों के साथ बातचीत की जाएगी।
गुणवत्ता के आधार पर जी आई टैग मिलने के बाद भागलपुर के इन उत्पादों को नीदरलैंड , बहरीन, इंग्लैण्ड आदि देशों में भेजना संभव हुआ है |