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बिहार : गेहूँ – धान के बाद सरकार खरीदेगी चना और मसूर , समर्थन मूल्य तय

खाद्य विभाग ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना और मसूर की खरीद का औपचारिक संकल्प जारी कर दिया है| खरीद के लिए केंद्रीय नोडल अभिकरण नेफेड और राज्य नोडल अभिकरण बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम के बीच एकरारनामा (एमओयू) हो गया है| राज्य सरकार ने इसकी अनुमति भी दे दी है| रबी विपणन वर्ष 2021-22 एवं उसके बाद की खरीद के लिए चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5230 और मसूर का 5500 रुपये निर्धारित किया गया है|

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री लेसी सिंह ने बताया कि इस बार लगभग पांच लाख क्विंटल दाल की सरकारी खरीद होगी। इसके लिए किसानों को नेफेड की साइट ‘ई- समृद्धि’ पर निबंधन कराना होगा। किसान गुरुवार को ही निबंधन कर उसी दिन अपनी दाल बेच सकते हैं। दाल की खरीद राज्य खाद्य निगम 15 मई तक करेगा।

मंत्री ने बताया कि चना और मसूर दाल की खरीद की व्यवस्था की गई है। दोनों दालों का समर्थन मूल्य 5100 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। सरकार ने दोनों दाल की खरीद के लिए लक्ष्य भी अलग-अलग तय कर दिया है। चना दाल की खरीद एक लाख 43 हजार 500 क्विंटल होगी। मसूर दाल की खरीद तीन लाख 21 हजार 500 क्विंटल होगी।

एसएफसी दाल खरीदेगा, इसमें से कुछ भाग नेफेड का भी होगा, लेकिन पूरी खरीद एसएफसी के अनुमंडल स्तर पर बने केन्द्रों से ही होगी।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने पहले जिलास्तर पर दाल के लिए क्रय केन्द्र बनाने की व्यवस्था की थी। लेकिन बाद में किसानों की सुविधा को देखते हुए इसे अनुमंडल स्तर पर ले जाया गया। अब राज्य के सभी 101 अनुमंडलों में दाल की सरकारी खरीद होगी। इससे किसानों को अपना उत्पाद बेचने के लिए बहुत दूर नहीं ले जाना होगा।

बिहार में दलन दलहन फसलों को उगाने के लिए किसानों को लगातार प्रेरित किया जा रहा है| बिहार में दलहन की कमी की वजह से लोगों की थाली में पौष्टिक दालें लगातार कम होती जा रही हैं| इस बात को लेकर सरकार व कृषि विज्ञानिक कई बार अपनी चिंता जता चुके हैं|

कृषि जानकारों के अनुसार राज्य में चना मशहूर व दलहन की अन्य फसलों पर ध्यान केंद्रित न करके किसान चावल और गेहूं की उपज पर ध्यान दे रहे हैं | इसी असंतुलन को दूर करने के लिए सरकार ने अब विभिन्न नोडल एजेंसियों के माध्यम से मसूर और चने की समर्थन मूल्य पर पहली बार खरीदारी करने की घोषणा की है|

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