वाराणसी में शुरू हुआ गिर प्रोजेक्ट| गुजरात से लाई गई 450 गिर गायों से नस्ल सुधार के साथ ही दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की योजना का शुभारंभ | केंद्रीय पशुपालन व डेयरी विभाग का गिर प्रोजेक्ट शुरू हो गया है. विभाग की तरफ से उत्तर प्रदेश के वाराणसी में वैसाखी के अवसर पर
गिर प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है| इस प्रोजेक्ट के तहत वाराणसी में गिर नस्ल की 450 गाय लाई गई हैं| जिनके सहारे उत्तर प्रदेश को दूग्ध उत्पादन में नंबर 1 बनाए रखने और गौ वंश के नस्ल में सुधार करने की रूपरेखा बनाई गई है|
मंगलवार को वाराणसी में पशुपालन व डेयरी विभाग के सचिव अतुल चतुर्वेदी ने इस पंचवर्षीय प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया गया| इस दौरान नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) के अध्यक्ष मीनेश शाह भी मौजूद रहे| यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत शुरू किया गया है| जिसके लिए 36.5 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित है| इस योजना को एनडीडीबी ही लागू कर रहा है, जिससे छोटे किसानों को फायदा मिलेगा|
गिर प्रोजेक्ट के तहत गुजरात के सौराष्ट्र से गिर गायों को वाराणसी लाया गया है| यह गाय वाराणसी के डेयरी संस्थान में पहुंच गई हैं|
जिन्हें मुख्यत: गायों के प्रजनन पथ (ब्रीडिंग ट्रैक्ट) के लिए वाराणसी लाया गया है| यहां डेयरी संस्थान से यह गायें अब वाराणसी के सभी 8 ब्लॉक में रहने वाले लाभार्थियों किसानों को दी जाएंगी| इसका मकसद पूरे वाराणसी में गिर गायों का समान वितरण है, जिससे नस्ल सुधार व दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी का लक्ष्य आसानी से हासिल किया जा सकेगा|
5 सालों में 2 लाख गायों का गर्भधारण कराने का लक्ष्य गिर प्रोजेक्ट के तहत 5 सालों में 2 लाख गायों का गर्भधारण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया| इसके तहत हर साल 40 गायों का गर्भधारण कराया जाएगा, इस तरह 5 सालों में 2 लाख गायों का गर्भधारण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है| इसके लिए गिर गायों का उपयोग (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) और सेक्स-सॉर्टेड सीमेन जैसी उन्नत तकनीकों के माध्यमों से किया जाएगा|
गिर प्रोजेक्ट के तहत उच्च आनुवंशिक योग्यता वाली गायों और सर्वश्रेष्ठ बैलों के वीर्य का उपयोग करके तैयार किए गए भ्रूण से गायों का गर्भधारण करवाया जाएगा| वहीं सेक्स-सॉर्टेड सीमेन का उपयोग करके हर साल 40 हजार गर्भधारण करवाने की योजना भी है|
असल में सेक्स-सॉर्टेड सीमेन का बछिया होने की गारंटी माना जाता है. इस सीमेन के उपयोग 90 फीसदी बछिया पैदा होने की संभावना रहती है| वहीं प्रोजेक्ट की शुरुआत करते हुए एनडीडीबी के अध्यक्ष मीनेश शाह ने कहाक कि हम पशुपालन और डेयरी व्यवसाय को लाभकारी बनाने के लिए कई नयी वैज्ञानिक पशु प्रजनन, आहार और स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं को पूरे देश में लागू कर रहें है|