भारत और कनाडा के बीच निर्यात को लेकर एक समझौता हुआ है| इसी महीने से भारत से केला व बेबी कार्न की पहली खेप भेजी जायेगी |
भारत कनाडा के बाजार में अपने केले और बेबी कॉर्न बेचने के लिए कई दिनों से प्रयास कर रहा था| दोनों देशों के अधिकारियों के बीच इस संबंध में बातचीत चल रही थी| भारत और कनाडा के राष्ट्रीय पौध संरक्षण संगठन निर्यात को लेकर वार्तालाप कर रहे थे| बीती 7 अप्रैल को भारत सरकार के कृषि सचिव मनोज आहूजा और कनाडा के भारत में उच्चायुक्त एचडी कैमरॉन मैके के बीच अंतिम दौर की बातचीत हुई| इस बैठक में निर्यात को लेकर अंतिम फैसला हो गया|
इस समझौते के बाद कनाडा के दूतावास ने सूचना दी है कि भारत से फ्रेश बेबी कॉर्न का कनाडा को निर्यात इस महीने से शुरू किया जा सकता है| साथ ही कनाडा ने भारतीय केले को कनाडा निर्यात करने के लिए तत्काल प्रभाव से स्वीकृति दे दी है|
कृषि मंत्रालय ने कहा कि इसके साथ ही भारत द्वारा ताजा केले के लिए प्रदान की गई तकनीकी जानकारी के आधार कृषि मंत्रालय ने कहा कि कनाडा सरकार के इस निर्णय से इन फसलों को उगाने वाले भारतीय किसानों को ज्यादा लाभ होगा और भारत की निर्यात आय में भी वृद्धि होगी|
भारत का कृषि निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान लगभग 20 फीसदी बढ़कर 50.21 अरब डॉलर पर पहुंच गया है| भारत मुख्य रूप से बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम, अमेरिका, नेपाल, मलेशिया, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, ईरान और मिस्र जैसे देशों को कृषि उत्पादों का निर्यात करता है| इस बार भारत के गेहूं निर्यात में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है|
इस कदम से केला एवं बेबी कॉर्न उगाने वाले भारतीय किसानों को लाभ होने और देश की निर्यात आय में वृद्धि होने की उम्मीद है।
सरकार ने एक बयान में कहा कि कनाडा ने ताजा केले के निर्यात को तत्काल प्रभाव से मंजूरी दी है जबकि बेबी कॉर्न के निर्यात की खेप इस महीने से शुरू हो जाएगी।