हरियाणा में पंचायत चुनाव के बाद चौकानेवाले नतीजे आए हैं खास बात यह कि कई जिलों में महिलाओं ने बाजी मारी है| पहली बार सरपंच बनी इन महिलाओं में पढ़ी लिखी सरपंच महिलाओं की तादाद उल्लेखनीय है यह उस हरियाणा का चुनावी नतीजा है जहां महिलाओं का अनुपात पुरुषों के मुकाबले कम गिना जाता है |
जिले के अंदर 340 गांवों में से 166 गांवों में महिलाएं चौधर संभालेंगी। इनमें 27 महिलाओं ने स्नातक किया है जिनमें तीन ने स्नातकोत्तर तक पढ़ाई की है। गांव डिगरोता की पूनम शर्मा ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (एमटेक), गणियार गांव की सुनीता और दुबलाना से आशा रानी ने स्नातकोत्तर तक पढ़ाई की है। इसके अलावा शेष नवनिर्वाचित महिला सरपंच आठवीं, दसवीं और 12वीं तक पढ़ाई की है।
जिले के गांव डिगरोता की बहू पूनम शर्मा जिले की सबसे शिक्षित सरपंच चुनी गई हैं। उन्होंने इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग (एमटेक) किया है। वर्तमान में वे हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहीं हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को 153 मतों से हराया है। पूनम शर्मा ने बताया कि वे जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगी। गांव के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। गांव का विकास जींद के मॉडल गांव बीबीपुर की तर्ज पर करवाएंगी।
पूनम ने बताया कि लोगों से मिलना-जुलना शुरू से ही रहा है। उसका सपना रहा है कि वह किसी गांव या सामाजिक संस्था का नेतृत्व करें। अब उसको वह मौका मिल गया है लेकिन वो गांव की सरपंच नहीं बल्कि गांव की सेविका के रूप में काम करेंगी। गांव की बेटियों को शिक्षा के प्रति जागरूक करेंगी। महिलाओं के लिए घूमने फिरने के लिए एक पार्क भी बनाया जाएगा। ट्रैक और झूलों की व्यवस्था भी होगी। आंगनबाड़ियों को भी नया रूप दिया जाएगा।
पूनम ने बताया कि वे गांव का विकास करवाकर उसकी सूरत बदल देंगी और गांव को मॉडल रूप देंगी। गांव के अंदर पार्क, बच्चों के लिए झूले, व्यायामशाला, सीवर व्यवस्था, टूटी सड़कों की मरम्मत कराने के साथ ही नई सड़कें बनवाएंगी। जगह-जगह कूड़ेदान भी लगवाए जाएंगे। स्कूल में अध्यापकों की कमी है तो वो भी सरकार से मांग कर पूरी करवाई जाएगी।