झारखंड में मौसम की बेरुखी से किसान बेचैन हैं। किसान अपने भविषय को लेकर आसमान की तरफ टकटकी लगाकर देख रहे हैं। किसान रोज़ बारिश होने की उम्मीद लगाकर मायूस हो जाते हैं। जुलाई में सूबे में में 40 फीसदी से भी कम बारिश हुई है। सूबे में कुछ जिले तो ऐसे भी हैं जो बारिश लिए तरस गए हैं।
किसान का कहना है कि अगर और 10 दिनों तक यही हालात रहते हैं तो हालात और बिगड़ेंगे ।मौसम विभाग के जारी आंकड़ो को देखे तो पिछले 48 घंटे में चतरा, हजारीबाग, लोहरदगा, गढ़वा, साहेबंगज और लातेहार में एक बार भी बारिश नहीं हुई है। इस बार सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम जिले में सबसे अधिक 10 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा कई ऐसे जिले भी हैं जहां पर 0.5 मिमी बारिश दर्ज हुई है।
बिहार में अलग होकर गठित झारखण्ड में नौ जिले ऐसे हैं जहां सावन के महीने में भी अबतक अच्छी बारिश नहीं हुई है. इनमें बोकारो, पलामू, धनबाद, रामगढ़, गुमला, दुमका, चतरा, रांची और जमशेदपुर शामिल है। इन जिलों के हालात को देखते हुए कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने इन जिलों के अधिकारियों को पत्र लिखा है और संभावित सूखा को लेकर प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा है। यह प्रस्ताव 25 जुलाई तक तैयार करने के लिए कहा गया है। प्रस्ताव मिलने के बाद 31 जुलाई तक इसे आपदा प्रबंधन विभाग झारखंड के जरिए दिल्ली भेजा जाएगा।
बारिश न होने से मवेशियों के चारे का संकट भी गहराया है। अभी भी राज्य के कई जिलों में नदी तालाब और कुएं सूखे हुए हैं। खेतों में पानी के अभाव में दरारें पड़ रही है। राज्य के खूंटी जिले की स्थिति बेहद खराब है यहां पर कई जगहों से खेत सूखने की खबरें आ रही है इसके अलावा चतरा जिले की स्थिति भी बेहद गंभीर है।
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