भारत सरकार का आयुष मंत्रालय अब देश के 37 शहरों में आयुर्वेदिक केंद्र खोलने जा रहा है| ये केंद्र इन शहरों में पहले से मौजूद सैन्य या छावनी अस्पतालों में बनेंगे| इनका 1 मई 2022 से संचालन शुरू हो जाएगा और लोग आयुर्वेद पद्धति से बीमारियों का इलाज करा सकेंगे|
आयुर्वेद को स्वास्थ्य संस्थानों के साथ जोड़ने के लिए, आयुष मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में इस सबंध में मिलकर फैसला लिया है| आगामी एक मई, 2022 से देश भर के 37 छावनी अस्पतालों में आयुर्वेद केंद्र का संचालन किया जाएगा|
इस संबंध में आयुष मंत्रालय इन 37 छावनी अस्पतालों को कुशल आयुष डॉक्टर और फार्मसिस्ट उपलब्ध कराएगा और रक्षा मंत्रालय 10 प्रमुख सैन्य अस्पतालों को आयुष डॉक्टर और फार्मसिस्ट प्रदान करेगा, जिनमें ये 166 एमएच, सीएच (डब्ल्यूसी), चंडीमंदिर, एमएच जयपुर, सीएच (सीसी) लखनऊ, एमएच देहरादून, एमएच जबलपुर, सीएच (एससी) पुणे, एमएच सिकंदराबाद, सीएच (ईसी), कोलकाता और 151 बीएच अस्पताल शामिल हैं|
आयुष मंत्रालय कुशल और योग्य आयुर्वेद डॉक्टरों और फार्मसिस्ट को पैनल में शामिल करेगा| इससे छावनियों के निवासी जिनमें सशस्त्र बलों के कर्मी, उनके परिवार और आम नागरिक शामिल हैं, इन अस्पतालों से आयुर्वेद स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे|
रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार और आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राकेश कोटेचा के बीच हाल ही में हुई उच्च स्तरीय बैठक में हुए इस समझौते के माध्यम से, आयुष मंत्रालय और महानिदेशालय, सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाएं (डीजीएएफएमएस) ने सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाएं (एएफएमएस) अस्पतालों के तहत आयुर्वेद केंद्रों को संचालित करने का फैसला किया है|