उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि अब राज्य में कुमाऊं व गढ़वाल दोनों मंडलों में रुद्रपुर व हरिद्वार में फूल मंडी बनेगी। इससे फूल खराब नहीं होंगे और खेती को बढ़ावा भी मिलेगा। फसल खराब नहीं होगी तो किसान को पूरे उत्पादान का लाभ मिलेगा, जिससे किसानों की आय में इजाफा होगा। किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर सरकार कार्य कर रही है। राज्य के अन्नदाताओं को अधिक से अधिक लाभ दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
कृषि मंत्री जोशी ने उत्तराखंड कृषि विपणन बोर्ड सभागार में मंडी समितियों के सचिवों की बैठक के दौरान पत्रकारों को बताया कि किसानों को दो हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई है। इससे किसानों को फायदा होगा।
एमडी निधि ने बताया कि राज्य में 27 मंडियां, 38 उपमंडिया हैं। वर्ष 2018-19 में 430 लाख क्विंटल आवक हुई थी। वर्ष 2019-20 में 427 क्विंटल, 2020-21 में 247 क्विंटल, 2021-22 में 227 क्विंटल खरीद हुई थी। वर्ष 2018-19 में 120 करोड़ रुपये की आय हुई थी, जो 2020-21 में घटकर 81 करोड़ रुपये रह गई। इसकी वजह भारत सरकार के निए कानून बना दिए थे। मंडियों में सरकारी खरीद से आय अधिक होती है। धान से करीब 45 करोड़ व गेहूं से पांच करोड़ की आय होती है।
इसके इलावा 10 करोड़ लकड़ी, इतने ही घी, चार-पांच करोड़ गुड़ व सात करोड़ रुपये सब्जियों आते हैं। राज्य में 297 भंडारण है। और भंडारण के निर्माण कराए जा रहे हैं।
इसके अलावा 10 करोड़ लकड़ी, इतने ही घी, चार-पांच करोड़ गुड़ व सात करोड़ रुपये सब्जियों आते हैं। राज्य में 297 भंडारण है। और भंडारण के निर्माण कराए जा रहे हैं।
इस मौके पर कृषि सचिव मीनाक्षी सुंदरम, पूर्व सांसद बलराज पासी, मुख्य अभियंता विजय कुमार, बीसी जोशी आदि मौजूद थे।
वर्तमान में राज्य में 250 करोड़ का फूलों का कारोबार हो रहा है। राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां और जलवायु फूलों की खेती के उपयुक्त है। बाजार में फूलों की बढ़ती मांग को देेखते हुए किसानों में पुष्प उत्पादन में रुचि बढ़ रही है। राज्य गठन से पहले उत्तराखंड में 150 हेक्टेयर क्षेत्र में फूलों की खेती होती थी।