इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फतेहगढ़, फर्रुखाबाद में 1,200 करोड़ रुपये के उर्वरक पर 48 लाख रुपये, 18 हजार 243.04 रुपये के सब्सिडी घोटाले की जांच CBI को सौंपी है। इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को 21 मार्च को जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा ने बड़ी मछली छोड़कर याचिकाकर्ता को बलि का बकरा बनाया है।
घोटाले और कंपनी मदन माधव फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स में शामिल बड़े सरकारी अधिकारियों को बरी कर दिया गया और 20 नामजद आरोपियों में से सिर्फ पांच के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। यह घोटाला साल 1989 से 2000 के बीच का है। याचिकाकर्ता ने अपने को निर्दोष बताते हुए जारी किए गए समन और चार्जशीट को रद्द करने की मांग की है। अविनाश कुमार मोदी की याचिका पर जस्टिस गौतम चौधरी ने यह आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता पर आरोप है कि मैसर्स उज्जवल ट्रेडिंग कंपनी ने मेसर्स मदन माधव फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स कंपनी, फर्रुखाबाद को 1200 करोड़ रुपये की खाद की आपूर्ति की। साथ ही किसानों को खाद नहीं दी गई और मदन माधव फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स कंपनी ने सरकार से 4818243.04 रुपये की सब्सिडी हड़प ली।
आरोप है कि सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुँचा| आर्थिक अपराध शाखा के उप निरीक्षक ने 10 सितंबर 2004 को कोतवाली फतेहगढ़ में दर्ज कराई थी।