राज्य में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार, पशुपालन को खेती का अनिवार्य अंग मानते हुए लगातार बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार ने गांव में ही दूध और डेयरी उत्पाद की उचित मूल्य पर खपत सुनिश्चित करने के लिए पिछले तीन साल से चल रहे पायलट प्रोजेक्ट के उत्साहजनक परिणाम मिलने के बाद अब पूरे प्रदेश में ‘नन्द बाबा दुग्ध मिशन’ की शुरुआत कर दी है। सरकार का दावा है कि अब डेयरी किसानों को दूध बेचने के लिए गांव से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
लखनऊ स्थित किसान बाजार में पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने इस मिशन का प्रतीक चिन्ह और पोर्टल जारी करते हुए क पशुपालकों और प्रदेश में दूध के क्षेत्र में लगातार बढ़ रही क्षमता की चर्चा की। उन्होंने कहा – इस मिशन का मकसद दुग्ध उत्पादक डेयरी किसानों को गांवों में ही दूध का उचित मूल्य दिलाया जाना है. इससे न केवल पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि किसानों की आय में बढ़ोतरी होने के साथ प्राकृतिक खेती से भी किसानों काे जोड़ने का मकसद पूरा हो सकेगा।
श्री सिंह ने कहा कि दुग्ध विकास एवं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में यूपी देश का अग्रणी राज्य है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप इस स्थिति को बनाये रखने के लिए सरकार ने 1000 करोड़ रुपये की लागत से ‘नन्द बाबा दुग्ध मिशन’ की शुरुआत की गयी है।
सिंह ने कहा कि योगी सरकार दुग्ध विकास विभाग के माध्यम से गौ-संवर्धन को प्राथमिकता के आधार पर प्रोत्साहित कर रही है. इसका मकसद यूपी की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में डेयरी किसानों की भूमिका तय करते हुए उन्हें दूध का लाभकारी मूल्य दिलवाना एवं कृषि आधारित ढांचा सुदृढ़ करने में डेयरी क्षेत्र का योगदान सुनिश्चित करना है.
उन्होंने कहा कि डेयरी व्यवसाय ही ग्रामीण क्षेत्र में आय का अतिरिक्त लाभप्रद साधन है. इसके मद्देनजर मिशन के तहत डेयरी किसानों को गांव में ही उचित मूल्य पर दूध बेचने की सुविधा प्रदान करने के लिए डेयरी किसान उत्पादक संगठन का गठन किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के 5 जनपदों में 5 डेयरी एफपीओ गठित किये जाएंगे। इनमें महिलाओं की प्रमुख भूमिका होगी।
कार्यक्रम में मौजूद विभाग के अपर मुख्य सचिव डाॅ. रजनीश दुबे ने कहा कि डेयरी सेक्टर में नए उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए यूपी में निवेश की अपार संभावना है। ऐसे में डेयरी सेक्टर के सभी हितधारकों का अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए यूपी दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति 2022 लागू की जा चुकी है।
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