आज मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल अपने दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट पेश किया। सीएम ने वर्ष 2022-23 के लिए एक लाख 77 हजार 255.99 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है जो पिछले वर्ष से 15.6 प्रतिशत अधिक है। हरियाणा सरकार इस वर्ष कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्रों पर 5988.76 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 27.7 प्रतिशत अधिक है| इसके अलावा सहकारिता विभाग पर 1537.35 करोड़ रुपए खर्च करेगी जो पिछले वर्ष के मुकाबले 20.6 प्रतिशत अधिक है |
हरियाणा सरकार ने इस वर्ष के बजट में जहां कई पुरानी योजनाओं को आगे भी जारी रखने का फैसला लिया है वहीं किसानों के लिए कुछ नई योजनाओं का ऐलान भी किया है। इसमें ग्रीष्मकालीन (जायद) मक्का की समर्थन मूल्य पर ख़रीदी, जैविक खेती को बढ़ावा देना, फसल समूह विकास कार्यक्रम, फसल विविधिकरण एवं कृषि बैंकों की स्थापना शामिल है।
मुख्यमंत्री ने बजट पेश करते हुए बताया कि राज्य में 14 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। यह खरीदी “मेरी फसल-मेरा ब्योरा” के तहत पंजीकृत किसानों से की जाती है, पोर्टल से अभी लगभग 9 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है। इस वर्ष राज्य सरकार खरीफ एवं जायद (गर्मी) में किसानों के द्वारा उपजाई गई मक्का की फसल को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीदेगी।
राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने नया कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा अपने बजट में की है। कार्यक्रम के तहत प्राक्रतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए तीन साल का उत्पादन आधारित प्रोत्साहन कार्यक्रम 100 क्लस्टर्स में प्रति क्लस्टर की कम से कम 25 एकड़ भूमि पर शुरू किया जाएगा | इस कार्यक्रम के तहत प्रमाणन, ब्रांडिंग और पैकेजिंग और पहले तीन वर्षों में उत्पादन की हानि पर मुआवजे के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा |
संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज का वर्ष घोषित किया है, हरियाणा बाजरे की खेती के लिए जाना जाता है | हरियाणा सरकार वर्ष 2018 से राज्य के किसानों से बाजरे की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करती है | पिछले वर्ष राज्य सरकार बाजरा किसानों को 600 रूपये प्रति क्विंटल की दर से सहायता प्रदान की गई है | प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण के माध्यम से किसानों को 482 करोड़ रूपये की आदायगी की गई | अब सरकार बाजरे की ब्रांडिग के लिए 50 करोड़ रूपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी | साथ ही बाजरा एवं अन्य मोटे अनाजों में अनुसंधान के लिए भिवानी में एक क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जा रहा है।
धान उत्पादक क्षेत्रों और अन्य अनाज फसलों को विशेष रूप से लक्षित करते हुए बागों, सब्ज़ियों और मसालों में फसल विविधिकरण के लिए नई योजना शुरू की जाएगी। वर्ष 2022-23 में कुल 20,000 एकड़ क्षेत्र को इस नए कार्यक्रम के तहत लाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में बागवानी मशीनरी को बढ़ावा देने और किसानों को किराए पर मशीनें उपलब्ध करवाने हेतु 5 मशीन बैंक केंद्रों की स्थापना के लिए एक नया कार्यक्रम प्रस्तावित है|
हरियाणा सरकार ने राज्य में बागवानी फसलों के बीमा के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना चला रही है | इस योजना के तहत 10 करोड़ रुपए जारी किया किए गए हैं |