बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार 6 फरवरी को कैबिनेट की बैठक हुईं। बैठक में कुल 14 एजेंडों पर मुहर लगी है।
गांव के विकास के लिए नीतीश सरकार ने खजाना खोला है। लगभग 6 हजार 10 करोड़ 10 लाख 48 हजार की लागत से 2165 नए पंचायत भवन बनाने की स्वीकृति दी गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 1082 और सामान्य क्षेत्र में 1083 नई पंचायत भवन बनेंगे।
सूबे में विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अधीन संचालित राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को इंटर्नशिप देने का निर्णय मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया है। राज्य सरकार की संचालित परियोजना में प्राथमिकता के आधार पर इंटर्नशिप का अवसर प्रदान किया जाएगा। इसके लिए छात्र-छात्राओं को 10000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
पंचायत सरकार भवन बनने से पंचायत वासियों को किसी कार्य के लिए जिला मुख्यालय आने जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। भवन में ही मुखिया, पंचायत सचिव, आवास सहायक, जनसेवक, कर्मचारी के साथ ही सभी जनप्रतिनिधि एवं पंचायत से जुड़े अधिकारी व कर्मी की बैठने की अनिवार्यता है। सरकार द्वारा संचालित सभी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी सरकार भवन के माध्यम से ही मिल जाएगी। योजनाओं का लाभ लेने के लिए ग्रामीणों को इधर-उधर की भाग दौड़ नहीं करनी होगी।
बिहार में बन रहे पंचायत सरकार भवन निर्माण में विश्व बैंक भी मदद करने के लिए एक कदम आगे बढ़ाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि जब विश्व बैंक को पता चला कि राज्य की सरकार पंचायत सरकार भवन का निर्माण करा रही है, तो बैंक ने कहा कि 330 पंचायत सरकार भवन के निर्माण को पूरा करने में वह भी आर्थिक रूप से सहायता करेगा। वहीं मुख्यमंत्री ने बिहार के सभी पंचायत सरकार भवन को अगले साल के अंत तक पूरा करने का पंचायती राज विभाग को निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनके समय में जितने पंचायत स्तर पर विकास के काम हुए हैं, उतना काम देश के किसी भी पंचायत में नहीं हुआ।