भिंडी डायबिटीज़ और कैंसर के अलावा ब्लडप्रेशर के मरीज़ों के लिए किसी रामबाण दवा से कम नहीं होती। इसे सुपरफूडघ कहा जाता है क्योंकि यह पोटैशियम विटामिन-बी विटामिन-सी फॉलिक एसिड और कैल्शियम से भरपूर होती है। फरवरी का महीना भिन्डी उगाने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
भिन्डी की उन्नत किस्में बोने के लिए फरवरी का महीना अच्छा माना जाता है। अगेती भिन्डी से किसान को दाम भी अच्छे मिलते हैं और बाजार में नयी सब्जी के खरीदार भी मिलते हैं। किसान, कम ज़मीन होने पर भी भिन्डी की अच्छी किस्म बोकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
भिंडी पूरे साल में मिलने वाली सब्ज़ी पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें विटामिन, फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और मिनरल्स के साथ ही कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और आयरन की भरपूर मात्रा होती है। भिंडी एक ऐसी फसल है, जिसकी मांग सालभर रहती है। भरत में बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, आसाम, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा भिंडी का उत्पादन होता है। भारत में सबसे ज्यादा भिन्डी की पैदावार गुजरात में होती है।
भिन्डी की रोग रहित किस्मों में हैं -भिंडी की यह किस्म उन्नत किस्मों में मानी मनी जाती है। यह गर्मी,ठंडी और बारिश के मौसम में उगायी जाती है। ये किस्म वर्षा के मौसम में 60 से 65 दिन के बाद उत्पादन देने लगती है।
परभनी क्रांति
भिंडी की यह किस्म पीत-रोग का मुकाबला करने में सक्षम हैं इसके बीज लगाने के करीब 50 दिन बाद फल आने शुरू होते हैं। इस किस्म की भिंडी गहरे हरे रंग की और 15-18 सेंमी. लंबी होती है।
पंजाब पद्मिनी
इस किस्म का विकास पंजाब विश्वविद्यालय से हुआ है इसकी खासियत यह होती है कि इसके फल सीधे, चिकने और गहरे रंग के होते हैं।
अर्का अभय
भिंडी की यह किस्म येलोवेन मोजेक विषाणु रोग से खुद का बचाव करने में सक्षम है। इस किस्म की भिंडी के पौधे 120-150 सेमी लंबे और एकदम सीधे होते हैं।
पूसा ए -4
यह भिंडी की एक उन्नत किस्म है। यह प्रजाति 1995 में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान,नई दिल्ली द्वारा निकाली गई हैं। यह एफिड तथा जैसिड के प्रति सहनशील हैं।