टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में भाजपा के खिलाफ अकेले लड़ने का ऐलान कर सनसनी पैदा कर दी है।ममता बनर्जी के बयान के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी पंजाब में कांग्रेस के साथ चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मीडिया से चर्चा में स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी के साथ मेरी कोई चर्चा नहीं हुई। मैंने हमेशा कहा है कि बंगाल में हम अकेले लड़ेंगे। मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि देश में क्या किया जाएगा, लेकिन हम एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी हैं, और बंगाल में हैं। हम अकेले ही बीजेपी को हरा देंगे. मैं भारत गठबंधन का हिस्सा हूं । राहुल गांधी की न्याय यात्रा हमारे राज्य से गुजर रही है, लेकिन हमें इसके बारे में सूचित नहीं किया गया है।
टीएमसी बंगाल में किसी से तालमेल नहीं करेगी। उनके दल को बंगाल में कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की कोई जानकारी नहीं दी गई। न ही कांग्रेस ने इस बारे में उन लोगों से कोई चर्चा की। सीएम ममता की ओर से जो भी प्रस्ताव दिए गए थे उन्हें ठुकरा दिया गया। टीएमसी सुप्रीमो ने बताया कि कांग्रेस का पश्चिम बंगाल से कोई लेना-देना नहीं है। पहले दिन ही उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया गया था।
ममता बनर्जी ने इससे एक रोज पहले मंगलवार (23 जनवरी, 2024) को 10-12 लोकसभा क्षेत्रों की ‘अनुचित’ मांग का हवाला देते हुए बंगाल में सीट बंटवारे पर चर्चा में देरी के लिए कांग्रेस की आलोचना की थी। टीएमसी ने सूबे में कांग्रेस को सिर्फ दो सीट देने की पेशकश की थी। सीएम बनर्जी ने तृणमूल का गढ़ माने जाने वाले जिले बीरभूम की पार्टी इकाई की बंद कमरे में संगठनात्मक बैठक के दौरान यह बात कही।
साल 2019 के आम चुनाव में पश्चिम बंगाल में सभी दल अकेले लड़े थे। बीजेपी के खिलाफ तब सभी पार्टियों के अकेले लड़ने से भाजपा को ही फायदा हुआ था। 2014 के मुकाबले 2019 में सभी पार्टियों को नुकसान हुआ था। कांग्रेस, टीएमसी और लेफ्ट तीनों पार्टियों को नुकसान हुआ था। कांग्रेस की 2 सीटें कम हुईं, जबकि लेफ्ट की भी 2 सीटें कम हो गई थीं। वहीं, टीएमसी को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था. ममता बनर्जी की पार्टी की 12 सीटें तब कम हो गई थीं।
नॉर्थ ईस्ट के सूबे मणिपुर से शुरु हुई कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पश्चिम बंगाल में 5 दिनों में 7 जिले कवर करते हुए कुल 523 किलोमीटर का दायरा तय करेगी। गुरुवार (25 जनवरी, 2024) को यह बंगाल में कूचबिहार से प्रवेश करेगी। हालांकि, इस बारे में पार्टी के एक सीनियर नेता ने मीडिया को बताया था कि यात्रा सूबे की राजधानी कोलकाता नहीं जाएगी।