दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्र में बसे रिहायशी इलाकों से अब संपत्तिकर नहीं वसूला जाएगा। दिल्ली नगर निगम की महापौर डॉ. शैली ओबरॉय ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन इलाकों में नोटिस न भेजें। वहीं, लाल डोरा क्षेत्र, लाल डोरा विस्तार क्षेत्र को भी राहत दी गई है।
महापौर ने आम आदमी पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान यह घोषणा की। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने यह संपत्ति-कर ग्रामीण इलाकों में थोपकर लोगों को खूब परेशान किया था। अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर ग्रामीण इलाकों को संपत्ति-कर से राहत दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी हमेशा जनता के हित में काम करती आई है। बीते 15 साल तक निगम में रहने के दौरान भाजपा ने लोगों को परेशान किया।
डिप्टी मेयर आले मोहम्मद इकबाल ने कहा, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन में ग्रामीण क्षेत्र के नेताओं के साथ चर्चा की गई, जिसके परिणामस्वरूप टैक्स अधिकारियों को इन क्षेत्रों से संपत्ति कर एकत्र नहीं करने का निर्देश दिया गया।
मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा – एमसीडी के नामित कमर्शियल क्षेत्रों में संपत्ति कर संग्रह अपरिवर्तित रहेगा। उन्होंने लोगों के हित में काम करने के प्रति आप की प्रतिबद्धता दोहराई।
डिप्टी मेयर इकबाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह फैसला ग्रामीण क्षेत्रों के साथ दिल्ली के सभी 70 निर्वाचन क्षेत्रों पर लागू होता है, जिससे लाल डोरा और विस्तारित लाल डोरा क्षेत्रों के निवासियों के लिए राहत सुनिश्चित होती है।
इसी क्रम में 360 गांवों का प्रतिनिधित्व करने वाले चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने पुष्टि की कि दिल्ली की मेयर और डिप्टी मेयर के साथ चर्चा के बाद यह स्पष्ट किया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोई संपत्ति टैक्स नहीं लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सोलंकी ने अधिसूचित सड़कों पर छोटे पैमाने पर रोजगार में लगे लोगों के लिए छूट का भी जिक्र किया।