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दिल्ली ग्रामोदय अभियान से 800 करोड़ से मॉडल बनेंगे शहरीकृत गांव

दिल्ली के शहरीकृत गांव मॉडल बनेंगे। इन गांवों में 800 करोड़ से बुनियादी ढांचे का सुधार किया जाएगा। उपराज्यपाल ने अभियान की शुरुआत जौंती गांव से की । दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शनिवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की वित्त पोषित दिल्ली ग्रामोदय अभियान को उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जौंती गांव को शूरुआत के लिए चूना।

इस अभियान में दिल्ली के सभी शहरीकृत गांव को अपग्रेड किया जाएगा। यहां पर रहने वाले लोगों को मुख्य शहर की तरह बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी। बता दें कि दिल्ली में करीब 175 शहरीकृत गांव हैं। इस अभियान के बारे में अधिकारियों ने बताया कि यह केंद्र सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की परियोजना है। इसके तहत दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) 800 करोड़ रुपये से अधिक के फंड से सभी गांव का विकास करेगा।

गांव में बुनियादी ढांचे, आजीविका, वैज्ञानिक पशुधन प्रबंधन, स्वास्थ्य देखभाल, उचित भूमि उपयोग, जल प्रबंधन सहित अन्य के लिए काम किया जाएगा। इससे इन गांव में रहने वाले लोगों के आजीविका में गुणात्मक सुधार होगा। अभी तक यह गांव उपेक्षित थे। इस अभियान के तहत जौंती गांव के सात एकड़ भूखंड पर दिल्ली का पहला चरागाह बनेगा। शनिवार को इस चरागाह बनाने की शुरूआत एलजी ने की। इस चरागाह की मदद से जौंती और आसपास के गांवों के करीब चार हजार पशुओं को चारा मिलेगा।

साथ ही आसपास के इलाकों से अतिक्रमण हटेगा व हरियाली बढ़ेगी। इस चारागाह से सटे एक जल निकाय को भी विकसित किया जा रहा है। अगले एक सप्ताह में इसे पूरी तरह से साफ किया जाएगा। साथ ही इसे खोदकर इसकी गहराई बढ़ाई जाएगी। इसे पुनर्जीवित किया जाएगा। इसकी मदद से वर्षा जल संचयन कर भूजल स्तर को सुधारा जाएगा। शनिवार को एलजी ने चारागाह भूमि पर मोरिंगा के पौधे तथा नेपियर घास भी लगाया।

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि दिल्ली में पहली बार कोई चरागाह बनाकर प्रयोग किया जा रहा है। इसकी मदद से सड़कों पर घूमने वाले लावारिस मवेशियों की समस्या दूर होगी। साथ ही इन पशुओं को पर्याप्त भरण-पोषण मिलेगा। इन्हें कूड़े का ढेर खाने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही इनके कुपोषण व दुर्घटनाओं को दूर कर मवेशियों की जिंदगी में सुधार लाया जाएगा। उपराज्यपाल ने कहा कि यह मैदान मवेशियों को स्वस्थ भोजन प्रदान करेगा। जो बदले में स्वस्थ डेयरी उत्पाद भी प्रदान करेगा। साथ ही सड़कों पर आवारा मवेशियों की मौजूदगी के कारण होने वाले दुर्घटनाओं को भी रोका जा सकेगा।

उपराज्यपाल ने निर्देश दिया कि चरागाह पर जमीन को ठीक से समतल किया जाए ताकि जानवरों आसानी से तालाब तक पहुंच पाए। इस दौरान उपराज्यपाल ने ट्रैक्टर पर बैठकर जमीन की जुताई भी की। साथ ही जेसीबी पर बैठकर पेड़ों की छंटाई और कचरे को साफ करने में श्रमिकों की मदद की।

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि 800 करोड़ रुपये के फंड का पिछले कई सालों में कभी इस्तेमाल नहीं हुआ। अब उसका इस्तेमाल इन गांवों के विकास के लिए किया जाएगा। मौजूदा नियमों और नीतिगत निर्णयों से ग्राम सभा भूमि के हस्तांतरण के बाद धनराशि डीडीए को हस्तांतरित कर दी गई है। बता दें कि जौंती गोद लिए गए चार गांवों में से एक हैं। इन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए समान प्रयास किया जा रहा है। कुतुबगढ़ गांव में एक स्टेडियम बनाया जा रहा है जो जल्द ही पूरा होने वाला है। श्री सक्सेना ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली में पांच गांवों को मॉडल के रूप में विकसित करने का काम करवाया है। ये गांव कुतुबगढ़, निजामपुर, रावता, देवराला और जौंती हैं।

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