महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में बेमौसम बारिश से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है। इसके अलावा अब इसका असर शहरों में रहने वाले लोगों की जेब पर भी पड़ने वाला है।
ठंड के मौसम में बारिश होने से मसाला कारोबार प्रभावित हुआ है। लाल मिर्च को भी काफी नुकसान हुआ है। कई जगहों पर बाजार तक पहुंचने के लिए रखी गयी लाल मिर्च भीग गयी। जबकि कुछ स्थानों पर खेतों में तैयार लाल मिर्च के पौधे पानी में डूब गये। इस बात की आशंका है कि सालभर के लिए मसाला तैयार करने के लिए जरूरी लाल मिर्च की कमी के कारण कीमतें भी बढ़ेंगी। नई खेप भी देरी से पहुंचेगी। ऐसे में अगर आवक घटेगी तो कीमतें भी ऊंची रहेंगी।
बारिश के पानी के कारण बाजार में 30,000 क्विंटल से अधिक मिर्च खराब हो गई है। ऐसे में मुंबई के बाज़ारों में मसाला सीज़न के दौरान मिर्च की कमी का सामना करना पड़ सकता है। वहीँ, अभी भी बारिश की आशंका है। इससे मिर्च की बाकी फसल पर भी संकट खड़ा हो गया है और किसान चिंतित हैं।
नवी मुंबई के वाशी के थोक मसाला बाजार में दिवाली के बाद मसाला बनाने के लिए मिर्च की आवक शुरू हो जाती है। प्रति दिन दो से चार वाहनों से आमद शुरू होती है और फरवरी से मई तक यह आंकड़ा 100 तक पहुंच जाता है। वाशी मसाला बाजार में
प्रमुख तौर पर महाराष्ट्र के नंदुरबार सहित गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से भारी मात्रा में मिर्च की सप्लाई होती है और यहां स्टोर कर रखा जाता है।
मसालों में इस्तेमाल होने वाली मिर्च बड़ी मात्रा में नंदुरबार से आती है, लेकिन वहां बारिश ने लाल मिर्च की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। बेमौसम बारिश के कारण मिर्च भीग गई है। इससे किसानों के साथ ही व्यापारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
ख़बरों के मुताबिक, बारिश के पानी के कारण बाजार में 30,000 क्विंटल से अधिक मिर्च खराब हो गई है। ऐसे में मुंबई के बाज़ारों में मसाला सीज़न के दौरान मिर्च की कमी का सामना करना पड़ सकता है। वहीँ, अभी भी बारिश की आशंका है। इससे मिर्च की बाकी फसल पर भी संकट खड़ा हो गया है और किसान चिंतित हैं।