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छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में जहां पहुंचना मुश्किल,गांवों में अब बत्ती गुल नहीं होगी

छत्तीसगढ़ सूबे में अभी भी कई इलाकों को सरकारी अमला आज भी ‘पहुंचविहीन’ कहता है। इन इलाकों में बिजली नहीं है। सूबे की कांग्रेस नीत बघेल- सरकार अब ऐसा प्रयास कर रही है कि यहां खराब मौसम के बावजूद बत्ती गुल नहीं होगी। बहुत दिनों तक सरकार ने इस पर विचार कर कदम उठाया जाएगा है। सूबे में धमतरी जिले में करीब दो दर्जन गांव पहुंचविहीन हैं। आज़ादी के 75 साल बीतने के बाद भी इन गांवों में बिजली नहीं पहुंची है। बघेल-सरकार ने इन पिछड़े हुए और दूरदराज के गांवों को जगमग करने का संकल्प लिया है। धमतरी जिले में 19 ऐसे भी गांव हैं, जहां छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल नहीं पहुंच सकी। सुदूर और घने जंगल होने तथा सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र होने से अब तक यहां बिजली लाइन बिछाया नहीं जा सका।

धमतरी इलाके के वनांचलवासियों की मांग पर छत्तीसगढ़ विद्युत विभाग ने जरूर यहां सोलर सिस्टम लगाकर इलाकों को सौर ऊर्जा से रोशन किया है। इसके बावजूद इन गांवों में सोलर सिस्टम के मेंटनेंस को लेकर शिकायतें बनी हुई है। खासकर बारिश के दिनों में यहां अंधेरा पसरने के कारण ग्रामीणों में सांप-बिच्छु का डर बना रहता हैं। इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए पिछले कई सालों से क्षेत्रवासी यहां बिजली समेत सड़क-पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। शासन की ओर से इन गांवों में बैटरी आदि को चेकअप कर कुछ जगह पर नयी बैटरी लगाकर उपकरणों को ताज़तरीन कर दिया गया। इसके बाद अब इन गांवों में पर्याप्त रौशनी के लिए हाईमास्ट लाइट लगाने की मंजूरी मिली है। इसका सर्वे भी करा लिया गया हैं। बताया जा रहा है कि पहुंचविहीन 19 गांवों में 20 जगह पर हाईमास्ट लाईट लगाया जाएगा। यह काम क्रेडा के विभागीय मद से होगा। प्रत्येक हाईमास्ट लाइट सिस्टम 5 लाख 25 हजार रुपए का है, इस तरह करीब एक करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। वनवासी अपने जंगल में रोशनी देखकर चकित और खुश हैं।

PHOTO CREDIT – pixabay.com

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