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कर्नाटक में बुवाई की कमी, चारा संकट की आशंका से किसान चिंतित

कर्नाटक में मौसम चक्र में अस्थिरता की वजह से किसान बेहाल हैं। तय वक्त पर बारिश न होने से फसल चक्र गड़बड़ हो गया है। पशुओं के चारे के संकट गहराने से किसान और सरकार, दोनों चिंतित हैं।

मानसून के बाद रबी के मौसम में कम मात्रा में बुवाई होने के चलते जहां कहीं चारे का संग्रह किसानों ने करलिया है। फिलहाल जिले में करीब 28 सप्ताह तक के ही चारे का संग्रह है। आगामी-मार्च माह में परिस्थिति बिगड सकती है का आंकलन किया गया है। राज्य प्रशासन तथा पशु चिकित्सा विभाग ने अभी से तैयारी शुरू करदी है। जनवरी के बाद आवश्यक चारा खरीद के लिए टेंडर आमंत्रित करने के लिए भी जिला प्रशासन आगे आया है।

बारिश की कमी होने के बावजूद सिंचाई सुविधा वाले किसान चारा उगाने के लिए तैैयार हैैं। इसके चलते चारा उगाने के किट की मांग अधिक होती जा रही है। पशु चिकित्सा विभाग ने किसानों की पानी की सुविधा अनुसार चारा फसल बीजों को किसानों को नि:शुल्क वितरित कर रहे हैं।
जिले में कुछ ही जगहों में बुवाई किए गए मक्का, ज्वार तथा रागी, बाजरा समेत विविध फसलें नहीं आने के बावजूद अल्प मात्रा में चारा आने के कारण किसान फिलहाल मवेशियों के पोषण की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

सूबे के हुबली जिले में कुल 16.66.631 मेट्रिक टन चारे का संग्रह है। यह 28 सप्ताह के लिए मात्र चलेगी। मार्च-अप्रेल में चारे की कमी होने की संभावना है। इस बीच आडे बारिश होंगे तो कोई समस्या नहीं है। इसके बावजूद चारे की कमी नहीं होने की दिशा में विभाग की ओर से पूर्व सतर्कता कार्रवाई करली गई है। किसानों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

मिली जानकारी के अनुसार पशु विभाग के अनुसार बेलगावी जिले में लघु तथा बडे मवेशी समेत करीब 25 लाख से अधिक जानवर हैं। भैैंस, बैल, बछडा की संख्या 12,59,721 है तो भेड-बकरियों की संख्या 14,59,400 है। सूखे के चलते मवेशियों को पूर्व सतर्कता के तौरपर सात रोगों से संरक्षा के लिए टीकाकरण किया गया है।

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