उत्तर प्रदेश सरकार, अब एक जिला एक उत्पाद की तरह से ‘एक उत्पाद एक विकास खण्ड’ योजना को भी अमली जामा पहनाने की तैयारी कर रही है। कुछ जिलों में इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया है।
कृषि क्षेत्र को समेकित रूप से विकसित करने के लिए जल तथा मृदा संरक्षण के साथ-साथ फल-फूल, मत्स्य, पशुपालन, डेयरी तथा अन्य अनुषांगिक क्रियाओं को एकीकृत रूप से विकसित किया जायेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर सराहना पा चुकी एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) की तर्ज पर प्रदेश स्तर पर एक ब्लाक एक उत्पाद (ओबीओपी) को प्रोत्साहित किया जायेगा।
योजना के तहत प्राथमिक क्षेत्र के उत्पादों को अच्छा बाजार मूल्य मिल सके, इसके लिए गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को बढ़ावा देकर कृषि प्रसंस्करण के लिए किसानों को जागरूक किया जायेगा।
सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के मुताबिक “हमें कृषि क्षेत्र को बैक टू बेसिक के साथ-साथ टेक्नोफ्रैंडली बनाना होगा, जिससे किसानों के जीवनस्तर को ऊंचा उठाया जा सके।”
श्री शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने के लिए कृतसंकल्पित हैं। इसमें कृषि तथा प्राथमिक क्षेत्र की भूमिका अति महत्वपूर्ण रहने वाली है। उत्तर प्रदेश प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की लागत को घटाकर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करके उनकी आय में वृद्धि करने के लिए खेत तथा आधुनिक तकनीक के बीच प्रभावी सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।
लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सोमवार को यूपी ‘एग्रीटेक कान्क्लेव-2023’ के उद्घाटन अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि बीते 6 वर्षों में प्रदेश की कृषि उत्पादकता में सराहनीय वृद्धि हुई है। इसके साथ ही सरकारी सुविधाओं में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रत्येक स्तर पर डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र को अधिक लाभदायी बनाने के लिए नयी खाद्य प्रसंस्करण नीति पर भी कार्य किया जा रहा है।
सूबे में खेती ,बागवानी के साथ खेती आधारित उद्योगों। को बढ़ावा देने की योजनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए श्री शाही ने कहा-सरकार का लक्ष्य है कि कृषि क्षेत्र के लिए जो स्टार्टअप तकनीक का विकास किया जा रहा है, उनकी तकनीक किसानों द्वारा अपनाई जाए।