दुनिया, फिर चीन में फैली एक नयी बीमारी से दहशत में है। इस नयी बीमारी की गिरफ्त में बच्चों की तादाद लगातार बढ़ रही है। इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन से विस्तृत जानकारी मांगी है।
कोरोना महामारी के बाद चीन में एक बार फिर एक दूसरी रहस्यमय बीमारी तेजी से पैर पसार रही है। इस बीमारी के लक्षण निमोनिया जैसे हैं, जो बच्चों को निशाना बना रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 22 नवंबर 2023 को चीन से इस बीमारी बारे में विस्तृत रिपोर्ट साझा करने को कहा है।
आबोहवा, विकास और खेती से लेकर स्वास्थ्य तक की सजग तफ्तीश करने वाली अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘डाउन टू अर्थ ‘ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक गौरतलब है कि उत्तरी चीन के बीजिंग और लियाओनिंग में सांस संबंधी एक अज्ञात बीमारी का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। इसकी वजह से बच्चों के अस्पतालों में मरीजों और चिंतित अभिभावकों की भारी भीड़ देखी जा रही है।
डब्ल्यूएचओ ने विशेष रूप से इन्फ्लूएंजा, सार्स-कॉव-2, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी), और माइकोप्लाज्मा निमोनिया सहित उन सभी रोगजनकों के बारे में जानकारी मांगी है जो इस समय चीन में फैल रहे हैं। इसके साथ ही, स्वास्थ्य संगठन ने देश की स्वास्थ्य प्रणाली पर अचानक से निमोनिया के बोझ का भी विवरण मांगा है।
बताया जा रहा है कि बीजिंग में बच्चों के अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। प्रोमेड के मुताबिक एक व्यक्ति ने जानकारी दी है कि बच्चों में तेज बुखार और फेफड़े में गांठें जैसे लक्षण सामने आए हैं। वहीं बीजिंग से करीब 800 किलोमीटर दूर लियाओनिंग प्रांत में, डालियान चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में बीमार बच्चों को ड्रिप दी जा रही है। वहीं अस्पताल के एक स्टाफ ने आपातकालीन विभाग में मरीजों के दो घंटों तक लाइन में इंतजार करने के लेकर चिंता जताई है।
डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपातकालीन कार्यक्रम से जुड़ी चिकित्सा अधिकारी कृतिका कुप्पल्ली ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा है कि इस बारे में अभी और जानकारी की आवश्यकता है। हालांकि अगर यह माइकोप्लाज्मा है तो ध्यान रखना होगा कि यह फेफड़ों से परे भी बीमारियों का कारण बन सकता है और बच्चों में एजिथ्रोमाइसिन की मदद से इसका इलाज किया जा सकता है, हालांकि मैक्रोलाइड्स के प्रति प्रतिरोध की सूचना सामने आ चुकी है।