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किसानों के दूध से अन्य जरूरी चीज़ों पर भी GST लागू ,विदेशों में नहीं

सरकार ने डेयरी प्रोडक्ट समेत कई ऐसी वस्तुओं पर GST लगाने का फैसला किया है, जो अब तक इसके दायरे के बाहर था| इस महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में ये फैसला लिया गया था| इस वजह से कई प्रोडक्ट की कीमतों में 18 जुलाई के बाद से बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है| जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद एक रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज ने कहा था कि GST की नई दरें 18 जुलाई से लागू हो जाएंगी|

सरकार ने एक जुलाई से प्लास्टिक स्ट्रॉ को बैन कर दिया था. डेयरी और सॉप्ट ड्रिंक्स बेचने वाली कंपनियां प्लास्टिक स्ट्रॉ के साथ ही अपने छोटे प्रोडक्ट बेच रही थीं| अब इसकी जगह उन्हें पेपर स्ट्रॉ का इस्तेमाल करना पड़ रहा है, जो उनकी लागत को बढ़ा रहा है| ऐसे में GST में शामिल हुए प्रोडक्ट की वजह से कीमतें बढ़ाते वक्त कंपनियां पेपर स्ट्रॉ के चलते बढ़ी लागत को भी कवर कर सकती हैं|

जुलाई से टेट्रा पैक वाले दही, लस्सी और बटर मिल्क पर 5 फीसदी की दर से GST लगेगा| ये आइटम्स पहले GST के दायरे से बाहर थे, लेकिन सरकार ने अब इन्हें भी इस दायरे में शामिल कर लिया है| इस वजह से इन प्रोडक्ट की कीमतें बढ़ सकती हैं| हालांकि, अमूल और मदर डेयरी , जो ये प्रोडक्ट बनाती हैं, उनकी ओर से इसे लेकर अभी तक किसी भी तरह का ऐलान नहीं किया गया है|

टेट्रा पैक एक प्रकार का पैकिंग कार्टन है, जो तरल खाद्य पदार्थों को खराब होने से बचाता है. इस पैकिंग के सहारे ही कंपनियां तमाम तरह के तरल खाद्य पदार्थ बेचती हैं| इसमें लंबे समय तक प्रोडक्ट खराब नहीं होता|

दही-लस्सी के अलावा कई और प्रोडक्ट 18 जुलाई से महंगे हो सकते हैं| इसमें घरों में इस्तेमाल होने वाली कई और चीजें भी शामिल हैं| एलईडी लाइट्स और लैंप पर लगने वाली GST को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है|इस वजह आने वाले दिनों में एलईडी लाइट्स की कीमतें भी बढ़ सकती है|

ब्लेड, पेपर कैंची, पेंसिल शॉर्पनर, चम्मच, कांटे वाले चम्मच, स्किमर्सल और केक-सर्विस आदि पर अब 18 फीसदी की दर से GST वसूला जाएगा| पहले इन वस्तुओं पर 12 फीसदी GST लगता था|

दही और लस्सी पर जीएसटी की दर वर्तमान में शून्य है जिसे पांच फीसदी किया गया है। उन्होंने बताया कि अधिकांश डेयरी कंपनियों के लिए दही एक प्रमुख उत्पाद है और उनकी कुल कमाई में दही और लस्सी का योगदान 15 से 25 फीसदी है। इसी तरह आटा और अनाज की बेसन आदि की कीमत बढ़ गई है। वहीं भूसा का दाम बढ़ने पर पहले से ही दूध महंगा था अब जीएसटी के बाद दूध की कीमतें और बढ़ जाएंगी।

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