बीते चार दिनों से चक्रवर्ती तूफान, मूसलाधार बारिश और इलाके में बरसात का पानी भरा है। लोग अपने घरों में कैद होकर रह रहे हैं। इन दिनों गुजरात के कच्छ इलाके का यही नज़ारा है। लोगों के सामने अपना और मवेशियों का पेट भरने का संकट है।इन हालात को सामान्य बनाने में समय लगेगा।
गुजरात और कच्छ इलाके में तूफ़ान से बड़े इलाके में नुकसान पहुंचा है। कच्चे घर, मवेशियों और बागों में नुकसान के बाद अब किसानों के सामने रोज़ी रोटी का संकट है। गुजरात में केसर की बागवानी बड़े पैमाने पर की जाती है और इसे आमों का राजा भी कहा जाता है। इस आम की बागवानी तटीय गुजरात में की जाती है जिसमें जामनगर, जूनागढ़ और कच्छ जिले आते हैं। किसान कांजी भाई कहते हैं कि इस इलाके में पूरी नकदी फसल बर्बाद हो गई है। तेज हवाओं ने 90 फीसदी आम की फसल को बर्बाद कर दिया है।
अनुमान है कि, गुजरात के तटीय इलाके में दो लाख टन से अधिक केसर आम उगाए जाते हैं जो इन किसानों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत है। इसके बाद कच्छ क्षेत्र के खजूर अपने स्वाद और क्वालिटी के लिए भी जाने जाते हैं। लेकिन चक्रवाती तूफान ने सबकुछ तबाह कर दिया है।
बीती 15 जून को आये भयंकर चक्रवाती तूफान ने कच्छ के 90 फीसदी खजूर के पेड़ों को चपेट में ले लिया है। तटीय क्षेत्र के आसपास मुंद्रा में रहने वाले किसानों को अब अपनी रोजी-रोटी की चिंता सता रही है। कई खजूर किसान हैं जिनको काफी नुकसान हुआ है। कच्छ क्षेत्र से खजूर की मांग है, लेकिन पूरी फसल ही बर्बाद हो गई है। अलबत्ता जो किसान अभी मूंगफली और कपास की बुआई करने की तैयारी में जुटे थे, बिपरजॉय की बारिश ने गुजरात के किसानों की मददगार साबित हुई है।
गुजरात और कच्छ में कहर बरपाने वाले तूफान के साथ मूसलाधार बारिश से राजस्थान में भी तबाही का मंज़र है। बारिश रुक नहीं रही है। नाले, सूखी रहने वाली नदियां और पानी का संकट का सामना कर रहे बांध उफन गये हैं। मूसलाधार बारिश से ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में बाढ़ जैसा मंज़र है। ग्रामीण इलाकों में बिजली न होने का भी। संकट है।
ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के सामने मवेशियों के लिए चारे का भी संकट है।
पिछले 24 घंटों में राज्य के कई जिलों में बारिश हुई। कई स्थानों पर 300 मिमी यानी 12 इंच तक बारिश रिकॉर्ड की गई। पाली, जालोर, बाड़मेर और सिरोही में तो बाढ़ जैसे हालात हैं। अब तक राज्य में बाढ़ और बारिश से 7 लोगों की मौत हो गई है।
PHOTO CREDIT – https://pixabay.com/