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हरियाणा में 75 साल बूढ़े पेड़ों को पेंशन, अब पेड़ में कीलें ठोंकना भी अपराध

बूढ़े लोगों को जीवन यापन करने के लिए कुछ शर्तों के बाद साथ हर महीने पेंशन दी जाती है हरियाणा-सरकार ने हरे फलदायी पेड़ों को पेंशन देने की योजना घोषित की है। पेड़ों को पेंशन देने वाली योजना ” प्राणवायु पेंशन योजना” है।

सूबे में ऱोहतक जिले में 75 वर्ष से अधिक आयु के करीब 163 पेड़ों की पहचान की गई है। इसी तरह से यमुनानगर में 535 पेड़ों की उम्र को परखा जा रहा है। वन विभाग की ओर से चलाए गए अभियान में ब्लॉक वार टीम भेज कर इन पेड़ों का ब्योरा जुटाया गया है। इसमें छायादार-फलदार पेड़ शामिल है।

करीब दो साल पहले पहले इस योजना की घोषणा की गई थी। हरियाण-सरकार की ओर से इन पेड़ों की देखभाल करने वालों को प्रति वर्ष प्रति पेड़ ढाई हजार रुपए की पेंशन दी जाएगी। हरियाणा देश में ऐसा करने वाला पहला राज्य है। जहां पेड़ों की परवरिश पर पेंशन की योजना शुरू की गई है। ऐसा करने पर जहां पेड़ हराभरा बना रहेगा। वहीं पर पर्यावरण संतुलन और स्वस्थ रखने में उसकी भूमिका अहम होगी। इस योजना के साथ पूरे हरियाणा में बड़े पैमाने पर पौधे लगाने की भी तैयारी है

प्राणवायु पेंशन योजना में पेंशन वही लोग उठा सकेंगे जिनके जमीन में यह पेड़ लगे होंगे। अगर पेड़ सरकारी जमीन में हुए हैं तो यह पैसे पंचायत के फंड में जाएंगे।
खास बात यह है की हरियाणा वन विभाग का हक केवल पेड़ों पर होगा इन पर उगे फल आसपास के किसानों का होगा। हरियाणा सरकार के इस कदम से पेड़ों के संरक्षण में आसानी होगी इसके अलावा 75 से 100 वर्ष पुराने पेड़ों की देखरेख भी होगी तथा उन पर रहने वाले चिड़ियों का भी बचाव होगा।

सरकार का पर्यावरण को बचाने के लिए यह एक नया और सराहनीय कदम उठाया है।हरियाणा वन विभाग का उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य पेड़ों को बचाना है। योजना से प्रदूषण को बचाना एवं पेड़ों की कटाई पर रोक लगाना संभव होगा। हरियाणा वन विभाग का यह कदम बहुत अलग अनोखा व सराहनीय है।

PHOTO CREDIT – https://pixabay.com/

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