वैज्ञानिकों का कहना है कि कटहल के बीज चॉकलेट जैसी सुगंध पैदा करते हैं और ये चॉकलेट बनाने के लिए संभावित रूप से सस्ते और प्रचुर विकल्प हो सकते हैं। ऐसा उन्होंने वैश्विक स्तर पर कोकोआ की कमी के मद्देनजर कहा है।
ब्राजील के साओ पाओलो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि कटहल के बीजों में पाए जाने वाले यौगिक प्रसंस्कृत कोको बीन्स जैसी ही सुगंध पैदा करते हैं और चॉकलेट निर्माण में उपयोग के लिए संभावित रूप से सस्ते, प्रचुर विकल्प हैं।
विश्व स्तर पर, किसान प्रतिवर्ष लगभग 3.7 मिलियन टन कोको का उत्पादन करते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, अगले दशक में इस उपज में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद नहीं है, लेकिन अनुमान है कि 2020 तक इन फलियों की विश्वव्यापी मांग बढ़कर 4.5 मिलियन टन हो जाएगी। वैज्ञानिक वैकल्पिक स्रोतों की जांच कर रहे हैं जो चॉकलेट की विशिष्ट सुगंध और स्वाद की नकल कर सकें।
बेंगलुरु स्थित भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान ने दूसरा उद्योग सम्मेलन आयोजित किया, जहां कटहल के बीजों से चॉकलेट बनाने की तकनीक, वर्टिकल फार्मिंग मॉडल और भिंडी और गेंदा की नई किस्में जैसे उत्पादों और तकनीकों को लाइसेंस जारी किया।
बेंगलुरु में उद्योग सम्मेलन का आयोजन उद्योग और शिक्षा के बीच की खाई को कम के उद्येश्य से किया गया, जिसमें में ICAR संस्थानों, NABARD, उद्योग प्रतिनिधियों, के इनक्यूबेट्स, कई वैज्ञानिक, तकनीकी कर्मचारी और छात्र व वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. इसके अलावा यहां मिर्च और भिंडी जैसी फसलों के लिए स्मार्ट पैकेज बनाने लिए और पुणे स्थित महाराष्ट्र एग्रीबिजनेस नेटवर्क सोसाइटी के बीच एक समझौता ज्ञापन किया गया।