बसपा सुप्रीमो और उनका दल उप चुनाव में भाग नहीं लेता है। बीते लोकसभा चुनाव में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया। वोटों का प्रतिशत तक कम हो गया। बसपा के परंपरागत कहे जाने वाले वोट तक छिटक गये। अब, बसपा सुप्रीमो ने यूपी की दस सीटों पर अकेले दम पर उप चुनाव में लड़ने का मन बनाया है।
बसपा नेत्री ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) पर आरक्षण, जातिगत जनगणना और दलित नेताओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए निशाना साधा है। साथ ही दोनों ही पार्टियों से किसी भी चुनाव में गठबंधन नहीं करने की घोषणा की है। इसी आधार को लेकर बसपा ने उप चुनाव में अकेले दम पर उतरने का ऐलान किया है।
मायावती ने एक्स हैंडल पर एक श्रृंखला में पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस और सपा ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और कांशीराम की उपेक्षा की. कांग्रेस ने बाबासाहेब को जीते जी या मरणोपरांत भी भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया. वहीं, दोनों ही दलों ने अपनी सरकार के कार्यकाल में कांशीराम के देहांत पर राजकीय अथवा राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया था.
मायावती ने कहा, ‘इनकी ऐसी दोगली सोच, चाल, चरित्र से जरूर सजग रहें.’ बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस पर कई साल सत्ता में रहकर भी जाति जनगणना नहीं कराने पर सवाल उठाए हैं. मायावती ने एक्स पर लिखा, ‘सपा व कांग्रेस आदि जैसी इन आरक्षण विरोधी पार्टियों के साथ अब किसी भी चुनाव में इनसे कोई गठबंधन आदि करना क्या SC, ST व OBC वर्गों के हित में उचित होगा. यह कतई नहीं होगा ऐसे में अब इनको खुद अपने दम पर खड़े होना है’