श्रीलंका के चाय के उत्पादन में गिरावट से ग्लोबल मार्केट पर इसका असर पड़ेगा, परंतु भारत के चाय निर्यातक इसकी कमी को पूरा कर सकते हैं। भारत लगभग 11 करोड़ किलोग्राम चाय का उत्पादन करता है जिसमें से 90 फीसदी निर्यात किया जाता है।
श्रीलंका बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है और ये भारत के चाय निर्यातकों के लिए अवसर बन सकता है। वैश्विक चाय बाजार में श्रीलंका एक प्रमुख खिलाड़ी है परन्तु उसकी बदहाली भारत के चाय निर्यातकों लिए अपने निर्यात बढ़ाने का अवसर प्रदान कर सकता है। श्रीलंका सालाना 300 मिलियन किलोग्राम चाय का उत्पादन करता है और 90-95 फीसदी चाय का निर्यात करता है।
रेटिंग एजेंसी आईसीआरए लिमिटेड के उपाध्यक्ष कौशिक दास ने कहा कि देश अपने वार्षिक उत्पादन का लगभग 97-98 प्रतिशत निर्यात करता है। ग्लोबल मार्केट में श्रीलंका की हिस्सेदारी करीब 50 फीसदी है।
श्रीलंका चाय का निर्यात इराक, ईरान व संयुक्त अरब अमीरात, पश्चिमी देशों, रूस, तुर्की व लीबिया को चाय निर्यात करता है। श्रीलंका के आर्थिक संकट के कारण चाय के उत्पादन में भारी गिरावट आई है जिससे ग्लोबल मार्केट पर असर पड़ेगा।
कारखाने अपने संचालन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। श्रीलंका में लगभग सभी यूनिट लगभग 12-13 घंटे बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं और उनके पास जनरेटर चलाने के लिए पर्याप्त ईंधन नही है| ऐसी हालत मे श्री लंका के चाय उत्पादन में 20-25 फीसदी की गिरावट आ सकती है।
वहीं, इंडियन टी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अंशुमान कनोरिया ने कहा कि चाय उद्योग को लगता है कि इस द्वीप देश की वर्तमान में जो आर्थिक स्थिति है उस कारण इस साल फसल में कम से कम 15 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
श्रीलंका में आए आर्थिक संकट के कारण वैश्विक बाजार में चाय की जो कमी होने वाली है उसे भारत के चाय निर्यातक पूरा कर पाते हैं या नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा।
चाय उद्योग से जुड़े सूत्रों के अनुसार कोविड-19 महामारी की वजह से विश्व के ज्यादातर देशों में आर्थिक मंदी होने की वजह से भारत के चाय निर्यात पर भी असर पड़ा है| चाय बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार जनवरी-मार्च, 2021 में चाय का निर्यात जनवरी-मार्च,2020 की तुलना में 13.23 प्रतिशत और 2019 की इसी अवधि के मुकाबले 29.03 प्रतिशत कम रहा|