मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र के किसानो को उम्मीद थी कि वह अब मालामाल होंगे। क्षेत्र में इस बार आलू और लहसुन की बंपर पैदावार हुई है। कोल्ड स्टोरेज में आलू रखने की जगह ही नहीं बची है। ज्यादा पैदावार होने से जहां दाम कम हो गए वहीं किसानों को कोल्ड स्टोरेज का भाड़ा भी देना पड़ रहा था। लहसुन उत्पादको ने अपनी उपज को सड़कों पर बिखेर कर अपनी नाराज़गी जतायी थी|
किसानों ने सलकार से इसका निर्यात करने की मंजूरी देने की मांग की थी। खास बात यह है कि संसद ने किसानों की यह मांग मान ली है। किसान अब अपनी उपज को निर्यात करने की तैयारी कर रहे हैं।
क्षेत्र में उद्यानिकी फसलों का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। इस बार भी आलू और लहसुन की जबर्दस्त पैदावार हुई लेकिन इससे किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहे। आलू की लागत नहीं निकलने से किसानों ने इसका निर्यात शुरू करने की मांग की थी। कोरोना काल में निर्यात बंद होने से लहसुन आलू का निर्यात भी नहीं हो पा रहा था।
मालवा के किसानों की इस मांग को लोकसभा में उठाया गया। सांसद शंकर लालवानी ने भी इस संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से चर्चा की। अब संसद ने देश से आलू और लहसुन के निर्यात की अनुमति दे दी है। इससे मालवा के आलू और लहसुन का निर्यात का रास्ता भी खुल गया है।
विदेशों में लहसुन की खपत बढ़ाने के लिए अब इसकी जैविक खेती पर फोकस किया जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मंदसौर, रतलाम, नीमच के कुछ किसानों से लहसुन की जैविक खेती करवाई गई। रसायनिक खेती वाले लहसुन की तुलना में जैविक लहसुन के दाम कई गुना बढ़कर मिलने से किसान को प्रोत्साहन मिला है।
इसके लिए देश के बड़े मसाला करोबारियों से किसानों का एमओयू करवाया जाएगा। जो उनका माल विदेश में भेजेंगे। इसके अलावा देश में ही दिल्ली, मुम्बई और पूणे सहित अन्य बड़े शहरों में जैविक लहसुन सहित अन्य मसालों के लिए बने बड़े बाजारों में भी प्रदेश का जैविक लहसुन बेचा जाएगा। प्रदेश में अभी एक लाख 20 हजार हेक्टेयर में लहसुन की खेती की जा रही है।
अकेले छिंदवाड़ा में 6 हजार हेक्टयर में लहसुन की खेती की जाती है, प्रदेश में सबसे ज्यादा है। पूरे प्रदेश में 13 लाख टन लहसुन की पैदावार होती है। वर्तमान में प्रदेश में पैदा होने वाले कुल लहसुन का 15 फीसदी लहसुन को प्रोसेस कर पेस्ट बनाया जा रहा है। इसमें 70 प्रतिशत देश में और 30 प्रतिशत विदेश में सप्लाई हो रहा है।