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हिमाचल प्रदेश के लहसुन की दक्षिण भारत ही नहीं बांग्लादेश और नेपाल में भी मांग

लाल व हरा सेब हिमाचल प्रदेश प्रदेश की अर्थ व्यवस्था का आधार हैं। सूबे के किसानों का उगाया गया लहसुन की दक्षिण भारत की मंडियों में भारी मांग है। अब बांग्लादेश और नेपाल में भी इस लहसुन को पसंद किया जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में लहसुन प्रमुख रूप से बोया और जाता है। सोलन, सिरमौर व शिमला जिला लहसुन उत्पादन में अग्रणी हैं। करीब 150 करोड़ रुपये का कोरोबार सोलन सब्जी मंडी में प्रत्येक वर्ष होता है। कोरोना के कारण वर्ष 2019 के बाद यहां का लहसुन देश में ही सप्लाई किया जा रहा था। लहसुन की अधिक मांग दक्षिण भारत में रहती है।

हिमाचल का लहसुन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है। यहां के लहसुन में एंटी आक्सीडेंट प्रचूर मात्रा में पाया जाता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। सोडियम, फाइबर, विटामिन सी, मैगनीस, विटामिन बी 6 भी लहसुन में पाया जाता है।

पंजाब, हरियाणा व दिल्ली में भी हिमाचल का लहसुन सप्लाई होता है। यहां का हाइब्रिड लहसुन गुणवत्ता में बेहतरीन माना जाता है। इसलिए किसानों को इसका दाम अच्छा मिलता है। गत वर्ष लोकल लहसुन 100 से 120 रुपये किलो तक बिका था। इस वर्ष के शुरू में भी किसानों को 90 रुपये किलो लहसुन का दाम मिला था और लगातार दाम में वृद्धि हो रही है। इन दिनों किसानों को लहसुन का दाम 120 से 170 रुपये किलो मिल रहा है। आने वाले दिनों में इसके दाम बढऩे की संभावना है। नवंबर में दाम 180 रुपये किलो तक हो सकता है। इस कारण अधिकतर किसानों ने लहसुन स्टोर करके रखा है।

पहले अफगानिस्तान और इरान का लहसुन भारत की मंडियों में पहुंच रहा था, जो हिमाचली फसल को भी टक्कर दे रहा था। अब इसकी आमद घटते ही सूबे के लहसुन की मांग बढ़ गई है। ऐसे में फसल के दाम बढ़कर 150 से 160 रुपये प्रति किलो मिलने लगे हैं। पिछले लंबे समय से हिमाचल के लहसुन के दाम 130 से 140 रुपये तक स्थिर थे। बाजार में स्थिरता के चलते कई किसानों ने लहसुन का भंडारण शुरू कर दिया। अभी भी जिले में करोड़ों का लहसुन गोदामों में पड़ा है।

सूबे में नाहन जिले के नौहराधार, संगड़ाह, हरिपुरधार, शिलाई, सैनधार और धारटीधार के कुछ इलाकों में 20 से 25 टन लहसुन गोदामों में है। इस माह नई फसल की बिजाई का कार्य भी शुरू हो जाएगा। इस बार किसानों के लिए लहसुन का कारोबार फायदे का सौदा रहा। पिछले साल के मुकाबले इस बार अच्छे दाम मिले हैं। बीते साल लहसुन के अधिकतम दाम 70 से 80 रुपये तक स्थिर बने रहे। इस बार शुरूआती दौर में ही हिमाचल का लहसुन मंडियों में खूब चमका। इसके बाद थोड़ा बहुत उतार-चढ़ाव जरूर रहा, लेकिन ए ग्रेड का लहसुन 110 रुपये से कम नहीं आया।

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