अब सीआईएसएच लखनऊ ने अमरूद की ऐसी किस्म को विकसित किया है। जिसकी खेती करने पर किसानों को बंपर उपज मिलेगी। खास बात यह है कि उपज दर अधिक होने के साथ-साथ इन किस्म के अमरूद का स्वाद भी उमदा है। विशेषज्ञों का भी मानना है कि किसानों के लिए अमरूद की खेती करना फायदा का सौदा साबित हो सकता है। इसकी बाजार में बहुत अधिक मांग है। लेकिन अमरूद के बागान लगाने से पहले किसानों को अच्छी प्रजाति के अमरूद का चयन करना चाहिए। अगर किसान अमरूद की अच्छी किस्म की रोपाई नहीं करते हैं, तो उन्हें इसकी खेती में आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। क्योंकि उतनी अधिक पैदावार नहीं होगी।
विशेषज्ञों का दावा है कि सीआईएसएच लखनऊ ने अमरूद की जिस किस्म को विकसित किया है, उसका नाम ललित है। यह किस्म अपनी पैदावर के लिए जानी जाती है। इसकी मार्केट में बहुत अधिक मांग है. इसमें फलन भी जबरदस्त होता है। इसके एक फल का वजन 150 से 200 ग्राम तक होता है। खास बात यह है कि ललित अमरूद में भरपूर मात्रा में पोषण तत्व पाए जाते हैं। इसके 100 ग्राम वजनी फल में 68 कैलोरी, 2.6 ग्राम प्रोटीन, 14 ग्राम कार्ब्स, 417 मिलीग्राम पोटेशियम, 228 मिलीग्राम विटामिन सी और 5 ग्राम फाइबर मौजूद होता है. अगर आप ललित अमरूद का नियमित सेवन करते हैं, तो स्वस्थ्य रहेंगे।
गुलाबी गूंदें वाला अमरूद की ललित किस्म लोग बहुत ही चाव के साथ खाते हैं। ऐसे ललित अमरूद में विटामिन सी भी बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसे खाने से ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहता है। बड़ी बात यह है कि इस अमरूद में ग्लाइकेमिक इंडेक्स कम होता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ने से रोकता है। खाना खाने के बाद अमरूद की पत्तियों से बनी चाय पीते हैं, तो आपका ब्लड शुगर कम रहेगा।
छोटी जोत वाले किसान परंपरागत तरीके की खेती से मुंह मोड़ रहे हैं। इसका कारण खेती में हर फसल की लागत का बढ़ना है। दूसरी ओर सभी राज्यों में सरकारों ने बागवानी को बढ़ावा देने की लाभकारी घोषणाएं भी की है।
छोटी जोत वाले किसानों के बीच बागवानी तेजी से लोकप्रिय हो रही है। खास कर छोटे किसान अमरूद की खेती में कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी ले रहे हैं। इससे किसानों को काफी मुनाफा हो रहा है। वहीं, राज्य सरकारें भी किसानों को अमरूद की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए किसानों को सब्सिडी भी दी जा रही है। लेकिन कई किसानों को इसके बावजूद भी अमरूद की खेती में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है है. क्योंकि उन्हें अमरूद की सही किस्मों की जानकारी नहीं है। लेकिन अब किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। आज हम अमरूद की ऐसी किस्म के बारे में बात करेंगे, जिसकी खेती करने पर किसानों की आमदनी पहले के मुकाबले बढ़ जाएगी। साथ ही इसे खाने से ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहता है यानी डायबिटीज रोगियों के लिए यह अमरूद रामबाण है।