उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को है| इसको लेकर चुनाव प्रचार शनिवार की शाम 6 बजे थम गया. सातवें चरण में 9 जिलों की 54 सीटों पर सुबह 7 से शाम 6 बजे तक वोटिंग होनी है| अंतिम चरण में कुल 613 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 2.06 करोड़ मतदाता करेंगे| अगर 2017 के विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखे तो बीजेपी ने सबसे ज्यादा 29 सीटें जीती थी| वहीं, सपा ने 11, बसपा ने 6, अपना दल (एस) ने 4, सुभासपा ने 3 और निषाद पार्टी को 1 सीट पर जीत मिली थी|
सातवें चरण में राजनीति के कई दिग्गजों समेत योगी सरकार के सात मंत्रियों की परीक्षा होगी। इनमें से पांच वर्तमान मंत्री हैं। 7 मार्च को आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मीरजापुर, सोनभद्र और भदोही जिलों में मतदान होना है।
इस बार पूर्वांचल के सियासी हालात थोड़े बदले हुए हैं| छोटे दलों में सुभासपा ने इस बार समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनावी मैदान में है| सातवें चरण में बसपा का भी अपना अच्छा खासा जनाधार है, जिसके दम पर जीत की आस लगाए हैं| सातवें चरण में जिन सीटों पर चुनाव हैं, वहां पर 2017 के विधानसभा चुनाव को छोड़ दें, तो जातिगत समीकरण चरण 90 के दशक से हमेशा प्रभावी रहे हैं| राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो आखरी चरण के चुनावों में सपा और बसपा के साथ-सथ राजभर, संजय, निषाद और अनुप्रिया पटेल की परीक्षा होनी है|
पूर्वांचल के इस मुकाबले में सभी पार्टियों ने अपने दिग्गजों को चुनावी प्रचार में पूरी तरह से उतार दिया और सभी ने आक्रामक प्रचार किया| राज्य में सातवें चरण के लिए चुनाव प्रचार शनिवार को समाप्त हो गया है| सातवें चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी मतदान होना है| इसके साथ ही अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ की विधानसभा सीटें भी इसी चरण में हैं| वहीं, पीएम मोदी ने खुद चुनाव प्रचार की कमान संभाली और दो दिनों तक काशी में डेरा जमाए रखा|
चुनाव के अंतिम चरण में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जौनपुर में रोड शो करके अपने बीमार उम्मीदवार के लिए वोट मांगे तो मुलायम सिंह यादव ने अपने करीबी और वफादार रहे पारसनाथ यादव के बेटे के हक में रैली की|