tag manger - उत्तर प्रदेश : रबी फसलों का 434 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य, सघन खेती पर ज़ोर – KhalihanNews
Breaking News

उत्तर प्रदेश : रबी फसलों का 434 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य, सघन खेती पर ज़ोर

आगामी रबी सीजन में खाद्यान्न तथा तिलहनी फसलों के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए रणनीति तैयार कर ली है. रबी सीजन 2022 में जहां 136.06 लाख हेक्टेयर भूमि आच्छादित थी और 427.83 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ. वहीं, आगामी रबी 2023 में खाद्यान्न एवं तिलहनी फसलों के अन्तर्गत 134.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर बोआई और 448.66 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.

सरकार द्वारा तैयार रबी उत्पादन 2023 फसल उत्पादन रणनीति में कुल खाद्यान्न उत्पादन के 428.77 लाख मीट्रिक टन एवं तिलहन उत्पादन के 19.90 लाख मीट्रिक टन (खाद्यान्न एवं तिलहन के कुल उत्पादन 448.66 लाख मीट्रिक टन) के लक्ष्य के सापेक्ष गेहूं, जौ, मक्का, चना, मटर, मसूर, राई सरसों, तोरिया, अलसी के लिए अलग-अलग लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है.

फसल सघनता में वृद्धि के लिए किसानों को साल में दो या तीन फसल लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है तो खरीफ में बुवाई से खाली खेतों में तोरिया अथवा लाही की बुवाई के लिए जागरूक किया जाएगा। वहीं, जिन क्षेत्रों में गन्ना की खेती हो रही है, वहां गन्ने से खाली होने वाले खेतों तथा शीघ्र पकने वाली अरहर से खाली खेतों में देरी की दशा में बोई जाने वाले गेहूं की प्रजातियों की बुवाई को भी सरकार प्रोत्साहित कर रही है।

फसल सघनता में वृद्धि के लिए किसानों को साल में दो या तीन फसल लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है तो खरीफ में बुवाई से खाली खेतों में तोरिया अथवा लाही की बुवाई के लिए जागरूक किया जाएगा। वहीं, जिन क्षेत्रों में गन्ना की खेती हो रही है, वहां गन्ने से खाली होने वाले खेतों तथा शीघ्र पकने वाली अरहर से खाली खेतों में देरी की दशा में बोई जाने वाले गेहूं की प्रजातियों की बुवाई को भी सरकार प्रोत्साहित कर रही है।

क्षेत्रफल की दृष्टि से देश में सर्वाधिक क्षेत्र में गेहूं की खेती उत्तर प्रदेश में की जाती है। जलवायुविक भिन्नताओं, संसाधनों की कमी, कृषि निवेशों के असंतुलित प्रयोग तथा उन्नत तकनीक का पूरा लाभ न लेने के कारण प्रदेश में गेहूं की उत्पादकता पंजाब एवं हरियाणा की अपेक्षा कम है. प्रदेश के विभिन्न जनपदों की विभिन्न फसलों की उत्पादकता में भी भारी अंतर है । उत्पादकता वृद्धि के लिए न्यूनतम उत्पादकता वाले ब्लाक,न्याय पंचायत के सम्बन्ध में भी समुचित रणनीति बनाकर त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने हेतु जनपद स्तर पर उत्पादकता बढ़ाने के लिए विभिन्न फसलों की ब्लाक,न्याय पंचायतवार उत्पादकता को आधार मानकर योजनायें बनाकर सघन पद्धतियों को लागू करने की योजना है।

सूबे की सभी नहरों में रोस्टर के अनुसार पानी चलाने के निर्देश
क्षेत्रीय अनुकूलता तथा उपलब्ध संसाधनों के आधार पर फसलों एवं प्रजातियों का चयन कर कृषि की उन्नत प्राविधिकी का प्रयोग कर उत्पादकता में वृद्धि करने हेतु जनपद पर समुचित रणनीति तैयार की जा रही है। उत्तर प्रदेश यही नहीं, पावर कारपोरेशन, सिंचाई विभाग एवं नलकूप विभाग को स्पष्ट निर्देश है कि फसल उत्पादन के समय बिजली की आपूर्ति, नहरों में रोस्टर के अनुसार पानी चलने, सरकारी नलकूपों को कार्यरत रखा जाए। बीज शोधन के उपरान्त ही बीज की बुआई हेतु कृषकों को प्रेरित किया जाए। सूक्ष्म पोषक तत्व का प्रयोग मृदा परीक्षण के उपरान्त करना अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होता है. ऐसे में इस पर विशेष बल दिया जाएगा।

About

Check Also

महाकुंभ 2025 : बिना पासपोर्ट के ही पहुंच गये साइबेरिया, मंगोलिया, अफगानिस्तान समेत 10 से अधिक देशों के परिंदे

महाकुंभ 2025 : बिना पासपोर्ट के ही पहुंच गये साइबेरिया, मंगोलिया, अफगानिस्तान समेत 10 से अधिक देशों के परिंदे

इस बार उत्साह ज्यादा है। नयी पीढ़ी को ननिहाल देखने की ललक भी थी। नाम …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *