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उत्तराखंड : मंत्री ने गन्ना-किसानों से समस्या व जैविक गुड़ की जानकारी की

ऊधमसिंह नगर जिले में उत्तराखंड में पहली बार गन्ना कृषक- संवाद कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि राज्य में पहली बार किसानों को दो माह के भीतर 505 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। वर्ष 2021 में साढ़े 17 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई। वर्ष 2022 में 25 लाख क्विंटल पेराई का लक्ष्य रखा गया है।

विकास भवन सभागार में आयोजित संवाद कार्यक्रम में गन्ना विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि जिले में गन्ने का क्षेत्रफल नौ प्रतिशत बढ़ा है। वहीं खटीमा व सितारगंज क्षेत्र में गन्ने के क्षेत्रफल में 22 प्रतिशत वृद्धि हुई है। कहा कि गन्ना किसानों की समस्या सुनने के लिए सबसे पहले यूएस नगर में संवाद कार्यक्रम रखा गया है। इसके बाद हरिद्वार जिले में गन्ना किसानों का संवाद कार्यक्रम किया जाएगा।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यूएस नगर की जसपुर, बाजपुर, किच्छा, सितारगंज आदि चीनी मिलों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में पाया गया कि चीनी मिलों की हालत खराब होने में वाकई अधिकारियों का दोष है। कहा कि गन्ना मंत्रालय की ओर से चिठ्ठी आई है कि लापरवाही बरतने में सीधे जनरल मैनेजर व चीफ इंजीनियरों का वेतन रोका जाएगा। इसके साथ ही गलती होने पर अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड किया जाएगा, इसीलिए सरकार आपके द्वार खुद समस्या सुनने आ रही है।

उन्होंने कहा कि सीएम से चीनी मिलों के आधुनिकीकरण करने के लिए चर्चा की जा रही है। कहा कि प्रदेश में यूपी से पांच रुपये ज्यादा किसानों को भुगतान किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री बहुगुणा ने प्रगतिशील किसानों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। वहां गन्ना आयुक्त हंसा दत्त पांडेय, सहायक गन्ना आयुक्त कपिल मोहन, सीडीओ विशाल मिश्रा, भाजपा जिलाध्यक्ष विवेक सक्सेना आदि थे। ड्रोन से किया जाएगा गन्ने में कीटनाशक व यूरिया का स्प्रे
रुद्रपुर। गन्ना विकास विभाग की ओर से किसानों की सहूलियत के लिए जल्द ही गन्ने की फसलों का जीपीएस सर्वे किया जाएगा। भविष्य में गन्ने की फसल में ड्रोन के माध्यम से नैनो कीटनाशक दवाओं का छिड़काव व यूरिया का स्प्रे किया जाएगा।

रुद्रपुर के छत्तरपुर निवासी ठाकुर जगदीश सिंह ने कहा कि अगर किसानों को गन्ने का भुगतान सही समय पर मिले तो गर्मियों के समय में धान नहीं उगाएंगे। जिले में 60 गन्ना परिषद काम करते हैं। राज्य में अब गन्ना बीज विकास निगम बनाना चाहिए।

किच्छा के राजेंद्र शर्मा ने कहा कि गन्ना किसानों को गन्ने की नई प्रजाति के बीज उपलब्ध कराए जाएं। गन्ना क्रेय केंद्रों पर घटतौली की समस्या को दूर किया जाए, नए इलेक्ट्रॉनिक कांटे लगाए जाएं। किसानों के लिए नई योजनाएं भी बनाई जाएं।

शांतिपुरी निवासी महिला किसान कविता तिवारी ने कहा कि बंडिया न्याय पंचायत में जैविक गन्ना नर्सरी शुरू की जानी चाहिए। एनआरएलएम से जुड़ी महिलाएं इस पर काम करेंगी। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को शून्य प्रतिशत ब्याज पर लोन मिलना चाहिए।
गदरपुर निवासी निपुण गगनेजा ने कहा कि कुटीर उद्योग के लिए उन्होंने सरकारी योजना से लोन लिया था लेकिन बैंक की ओर से उस दौरान गारंटी के लिए नहीं बताया गया। इसके चलते खाते से 40 हजार रुपये काट लिए गए। सरकार को ऐसी समस्याओं पर भी सोचना चाहिए।

पिथौरागढ़ जिले में 193 किसानों ने शुरू किया जैविक गन्ना उत्पादन
रुद्रपुर। पहाड़ पर जैविक गन्ने की खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पिथौरागढ़ में 193 किसानों को 65 क्विंटल गन्ने के बीज उपलब्ध कराए गए हैं।

पिथौरागढ़ निवासी पूर्व सैन्य कर्मी और प्रगतिशील किसान अन्ना ने किसान संवाद कार्यक्रम में प्रगतिशील किसान अन्ना ने बताया कि उनके परिवार की ओर से वर्षों से परंपरागत जैविक गन्ने की खेती कर तांबे के बर्तन में गुड़ बनाकर तिब्बत तक भेजा जाता है। उसी परंपरा को दोबारा शुरू कर जैविक गुड़ बनाने का प्रयास किया गया है।

बताया कि गन्ना विकास विभाग की ओर से बीज मिलने के बाद साढ़े तीन नाली जमीन पर गन्ने का बीज रोपा गया है। इसके साथ ही महिला स्वयं सहायता समूह को भी गन्ना उत्पादन समूह में परिवर्तन किया गया। उन्होंने बताया कि पहाड़ में लकड़ी के कोल्हू से गन्ने की पेराई कर गुड़ बनाया जाता है।

गौलापार के प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा ने कहा कि उनके नाम से गेहूं का बीज नरेंद्र पेटेंट वैरायटी को विकसित किया गया है। इसका अन्य प्रदेशों में भी उत्पादन किया जा रहा है। बताया कि उन्होंने एक पौधे से 25 किलो हल्दी भी पैदा की है। इसके साथ ही अब गन्ने की जैविक खेती की जाएगी।

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