महाराष्ट्र में किसान सियासत में नहीं है। वे सिर्फ वोटर हैं। और किसानों की लगातार बढ़ती आत्महत्याएं सरकार को झकझोरती भी नहीं। किसानों की आत्महत्याओं की संख्या हर महीने बढ़ती जा रही है। यह आंकड़ा अब चौंकाने वाले नहीं,दिल दहलाने वाले हैं।
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में इस साल के पहले छह महीनों में कुल 483 किसानों ने आत्महत्या की, जिनमें सबसे अधिक 92 मामले जून महीने के हैं। राज्य के राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि मौतों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है।जनवरी में 62, फरवरी में 74, मार्च में 78, अप्रैल में 89, मई में 88 और जून में 92 किसानों ने आत्महत्या की।
औरंगाबाद विभागीय आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक मराठवाड़ा में बीते साल 2021 में परेशान हाल 711 किसानों आत्महत्या की है.औरंगाबाद में 150 किसानों ने आत्महत्या की. जालना में 75, परभणी में 51, हिंगोली में 33, नांदेड़ में 91, बीड में 150, लातूर में 53, उस्मानाबाद में 108 किसानों ने आत्महत्या की।
चंद्रपुर में 7 महीने में 73 किसानों ने आत्महत्या की:महाराष्ट्र के इस जिले में 5 साल में 446 किसान खुदकुशी कर चुके हैं। पिछले साल दिसंबर से मुआवजे के 48 केस पेंडिंग थे। कलेक्टर, जिला परिषद चीफ ऑफिसर और पुलिस सुपरिंटेंडेंट की एक कमेटी ने बताया कि सुसाइड करने वालों में 745 किसान ऐसे थे, जिन्हें सरकारी मुआवजा मिलना था। इनमें 329 किसान ऐसे थे, जो मुआवजे के हकदार नहीं थे। जिला प्रशासन के मुताबिक, उन्होंने मरने वाले किसानों के परिवार को मुआवजा दिलाने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा था। इसमें दिसंबर 2022 से 48 केस पेंडिंग हैं।
कलेक्ट्रेट के एक अधिकारी ने बताया कि वे सरकार की गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं। 2006 की गाइडलाइन के तहत मरने वाले किसानों के परिवार को 1 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। जब कोई किसान आत्महत्या करता है तो सरकार तय मानदंड के आधार पर मुआवजा देती है।
गाइडलाइन के मुताबिक, फसल खराब होने पर, नेशनल को-ऑपरेटिव बैंक या साहूकार के पैसे ना चुकाने पर सरकार किसानों को 1 लाख रुपए देगी। इस एक लाख में से 30 हजार रुपए किसान को उसी समय दिए जाते है और बाकी 70 हजार उनके खाते में 5 साल के लिए जमा किए जाते है।
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस साल जून-जुलाई में बाढ़ और बारिश की वजह से कुल 54 हजार 514 हेक्टेयर फसल खराब हो चुकी है। इससे चंद्रपुर जिले के 852 गांवों के 64 हजार 379 किसानों की फसल खराब हुई। सबसे ज्यादा फसल गोंडपिपरी तहसील में खराब हुई है। यहां 12,571 हेक्टेयर में लगी फसल प्रभावित हुई।PHOTO CREDIT – pixabay.com