उत्तर प्रदेश का सुगंधित व बासमती कहा जाने वाला काला नमक चावल अब अमेरिका और इंग्लैंड भेजने की तैयारी है। चावल की यह किस्म पूर्वी उत्तर प्रदेश के की जिलों में पैदा की जाती है। देश के कई हिस्सों में इस चावल की किस्म की मांग है।
काला नमक धान को सिद्धार्थनगर का ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) घोषित किया गया है। तबसे इसका क्रेज बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा कुछ मात्रा में दुबई और जर्मनी को भी इसका निर्यात हुआ है। पीआरडीएफ के अलावा भी कई संस्थाएं काला नमक चावल के निर्यात में लगीं हैं। डॉक्टर चौधरी के अनुसार निर्यात का प्लेटफार्म बन चुका है. आने वाले समय में यह और बढ़ेगा।
पिछले साल कालानमक धान का रकबा सिर्फ जीआई वाले जिलों में करीब 80 हजार हेक्टेयर था. 2024 में बीज बिक्री के अबतक के आंकड़ों के अनुसार यह एक लाख हेक्टेयर तक पहुंच जाएगा. अन्य जिलों और प्रदेशों को शामिल कर लें तो यह रकबा अपेक्षा से बहुत अधिक होगा. मात्र सात साल में इसके रकबे में करीब चार गुना वृद्धि हुई। वर्ष 2016 में इसका रकबा सिर्फ 2200 हेक्टेयर था, जो 2022 में बढ़कर 70 हजार हेक्टेयर से अधिक हो गया। वर्ष 2024 में इसके एक लाख हेक्टेयर से अधिक होने की उम्मीद है।
इस साल पहली बार इंग्लैंड को पांच कुंतल चावल निर्यात किया जाएगा। इसी क्रम में पहली बार अमेरिका को भी पांच कुंतल चावल का निर्यात होगा।उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल की शान माना जाने वाला काला नमक चावल करीब सात दशक बाद इंग्लैंड और पहली बार अमेरिका जाएगा। इससे पहले नेपाल, सिंगापुर, जर्मनी, दुबई आदि देशों को भी कालानमक चावल का निर्यात किया जा चुका है। इंग्लैंड तो कालानमक के स्वाद और सुगंध का मुरीद रह चुका है।
राज्यसभा में 17 दिसंबर 2021 को दिए गए आंकड़ों के अनुसार 2019/2020 में कालानमक का निर्यात 2 फीसद था। अगले साल यह बढ़कर 4 फीसद हो गया। 2021/2022 में यह 7 फीसद रहा। कालानमक धान को केंद्र में रखकर पिछले दो दशक से काम कर रही गोरखपुर की संस्था पीआरडीएफ (पार्टिसिपेटरी रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन) के चेयरमैन पदमश्री डा आरसी चौधरी के अनुसार पिछले दो वर्षो के दौरान उनकी संस्था ने सिंगापुर को 55 टन और नेपाल को 10 टन कालानमक चावल का निर्यात किया। इन दोनों देशों से अब भी लगातार मांग आ रही है। इसके अलावा कुछ मात्रा में दुबई और जर्मनी को भी इसका निर्यात हुआ है। पीआरडीएफ के अलावा भी कई संस्थाएं कालानमक चावल के निर्यात में लगीं हैं।