हरियाणा में किसानों ने फसलों का बीमा करवाया था। मौसम की वजह खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गयीं। किसानों ने बीमा की भरपाई करने की मांग उठाई। बीमा कंपनी ने किसानों की मांग को अनसुना कर दिया। नाराज़ किसानों ने एकजुट होकर अपनी मांग के समर्थन में धरना दिया। बाद में बेमियादी अनशन करके अपनी नाराज़गी जताई।।
हरियाणा के सिरसा में बीमा क्लेम की मांग को लेकर किसान लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले 111 दिनों से धरना जारी है। बीमा क्लेम की मांग को लेकर गांव नारायण खेड़ा में जलघर की डिग्गी पर भी चार किसान चढ़े हुए हैं। बीती 17 अगस्त को किसानों ने नेशनल हाईवे पर भावदीन टोल प्लाजा को जाम कर दिया। सैकड़ों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रालियों को नेशनल हाईवे पर खड़ा कर दिया और वाहनों की आवाजाही बाधित कर दी।
रास्ता बंद हुआ तो सरकार की फजीहत होते ही उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने 17अगसत को इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रदर्शनकारी किसानों को उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि जल्द ही किसानों के खातों में बीमा भरपाई का पैसा आना शुरू हो जाएगा। किसानों ने फसल बर्बाद होने के तीन महीने बाद भी भरपाई का पैसा न देने से उन्हें खाद-बीज खरीदने में कठिनाईयां आ रही हैं।
किसानों को फ़सल बीमा का आग्रह करने वाली मनोहर लाल खट्टर की सरकार की किसानों के धरना-प्रदर्शन के कारण काफी किरकिरी हुई है। सिरसा में किसानों का करीब 650 करोड़ रुपये का बीमा क्लेम बकाया है। इसको लेकर किसानों का कहना है कि सरकार और बीमा कंपनियां कंप्यूटर पर एक क्लिक से बीमा प्रीमियम की राशि तो काट लेती हैं। जब फसलें खराब होती हैं तो क्लेम लेने के लिए किसानों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ता है।