प्राकृतिक उत्पादों के मार्केटिंग पर भी खासा ध्यान दिया जा रहा है ताकि किसानों को प्रोत्साहित किया जा सके| हिमाचल प्रदेश सरकार भी प्राकृतिक खेतो के प्रति किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए इसके मार्केटिंग पर फोकस कर रही है|
उन्होंने बताया कि किसानों के प्राकृतिक उत्पाद बेचने के लिए राज्य में 1000 शेड का निर्माण किया जा रहा है| जहां पर किसान अपनी सब्जियां बेच पाएंगे| अब तक किसानों को 50 शेड दिए जा चुके हैं, और उसके नतीजे का इंतजार कर रहे हैं|
किसान अपनी उपज को इन दुकानों पर बेच सकते हैं जो सरकार शिमला, मंडी और दिल्ली में शुरू करेगी. इसके बाद मांग के अनुसार दुकानों की संख्या बढ़ाई जाएगी| एक बार जब उपभोक्ताओं को पता चल जाएगा कि उन्हें साल भर किसी न किसी स्थान पर खाद्य पदार्थ मिल सकते हैं, तो मांग बढ़ेगी|
प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों और बागवानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य और बाजार तलाशना है| जबकि सुरक्षित और पौष्टिक भोजन पर पहला अधिकार स्थानीय लोगों का होना चाहिए| इसलिए वो चाहते हैं कि चाहते हैं कि किसान अपनी उपज का एक बड़ा हिस्सा स्थानीय स्तर पर बेचें|
किसानों के प्राकृतिक उत्पाद बेचने के लिए राज्य में 1000 शेड का निर्माण किया जा रहा है. जहां पर किसान अपनी सब्जियां बेच पाएंगे| अब तक किसानों को 50 शेड दिए जा चुके हैं, और उसके नतीजे का इंतजार कर रहे हैं| इसके बाद, किसान अपनी उपज को उन आउटलेट्स पर बेच सकते हैं जो सरकार शिमला, मंडी और दिल्ली में शुरू करेगी|
इसके बाद मांग के अनुसार आउटलेट्स की संख्या बढ़ाई जाएगी| एक बार जब उपभोक्ताओं को पता चल जाएगा कि उन्हें साल भर किसी न किसी स्थान पर खाद्य पदार्थ मिल सकते हैं, तो मांग बढ़ेगी|
इस वर्ष राज्य में 20 किसान उत्पादक कंपनियों की योजना बनाई गई है और कम से कम चार दो महीने के भीतर पंजीकृत होने की संभावना है| प्रारंभिक प्रशिक्षण के बाद, सरकार को उम्मीद है कि ये कंपनियां अपने मामलों को स्वतंत्र रूप से चलाएगी|
एक जानकारी के अनुसार हैदराबाद स्थित सामाजिक उद्यम एक्सेस लाइवलीहुड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जो क्लस्टर से दो सदस्यों को प्रशिक्षित करेगा जहां एक कंपनी का गठन किया जाएगा| उन्हें सरकारी योजनाओं और कंपनी को मिलने वाले फंड, सरकारी अनुपालन आदि के बारे में बताया जाएगा |