जलवायु परिवर्तन की वजह से इस साल पारा 40 डिग्री से ऊपर रहा । गर्मी की वजह से लोग बेहाल रहे। हरियाणा के ज्यादातर जिलों में 22 जून की शाम को हुई बारिश ने धान की खेती करने वाले किसानों खुश हैं। जब धान को बोने की प्रक्रिया चल रही होती है उस समय किसानों को अपने खेतों को सींचने के लिए ट्यूबवेल चलाने की जरूरत पड़ती है।
इस बार हुई बारिश के कारण उन्हें अपने ट्यूबवेल का उपयोग नहीं करना पड़ेगा। हालांकि, बारिश के कारण जिले में सूरजमुखी और मक्का की फसलों की कटाई प्रभाव पड़ेगा। बारिश के बाद खेतों में मोटे अनाज बोने की तैयारियां शुरू हो गयी हैं।
धान फसल के लिए बारिश अच्छी होती है क्योंकि इसे बहुत अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। ट्यूबवेल चलाना किसानों को महंगा पड़ता है, क्योंकि किसानों को ट्यूबवेल खेतों की निराई करने के लिए घंटों चलाना पड़ता है, लेकिन बारिश ने आवश्यक सिंचाई प्रदान कर दी है। यह भू-जल को भी बचाएगी।
मआनसून की शुरुआती बारिश सूरजमुखी और मक्का की फसलों के लिए अच्छी नहीं है क्योंकि इससे इन फसलों की कटाई में और देरी होगी । बरसात के। कारण सूबे की अनाज मंडियों में रखा उत्पादन भी इससे प्रभावित हो सकता है।
अंबाला से कृषि उपनिदेशक जसविंदर सिंह ने कहा कि “धान और गन्ने की फसलों के लिए बारिश अच्छी होती है, लेकिन इस बारिश के कारण सूरजमुखी और मक्का की कटाई पर काफी असर पड़ेगा”।