tag manger - बिहार के बागानों से हर साल 90 हज़ार मीट्रिक टन पैदा चाय का चीन-वियतनाम तक निर्यात – KhalihanNews
Breaking News

बिहार के बागानों से हर साल 90 हज़ार मीट्रिक टन पैदा चाय का चीन-वियतनाम तक निर्यात

बिहार में भी चाय बागान हैं। यहां के बागानों में तोड़ी गईं पत्तियों को प्रोसेस के बाद विदेश भेजा जाता है। बिहार के चाय बागानों से हर साल करीब 90 हज़ार मीट्रिक टन। चाय पैदा की जाती है।‌ चाय बागानों के बावजूद प्रोसेसिंग की व्यवस्था न होने के कारण यहां के बागान-मालिक अपनी चायपत्ती प्रोसेस के लिए असम भेजते हैं ।

बिहार हर साल 90 हजार मीट्रिक टन चाय का प्रोडक्शन करता है। यहां की चाय का चीन, वियतनाम, म्यानमार और अमेरिका सहित 12 से अधिक देशों में निर्यात होता है। खास बात यह है कि बिहार अपने उत्पादन का महज 12 प्रतिशत ही प्रोसेस कर पा रहा है। यानी कि 90 हजार मीट्रिक टन में 10.8 हजार मीट्रिक टन चाय ही राज्य में प्रोसेस हो रही है। बाकी की 79 हजार टन चाय को प्रोसेस करने के लिए दूसरे राज्यों में भेजा जाता है। अभी बिहार में 10 बड़ी कंपनियां चाय तैयार कर रही हैं।

बागान से चाय की पत्तियों को तोड़ने के बाद 4 घंटे के अंदर ही उसे प्रोसेस करना पड़ता है, वरना फसल खराब हो जाती है। लेकिन, इन जिलों प्रोसेसिंग यूनिट की कमी की वजह से पत्तियों को तुरंत दूसरे राज्यों में भेजना पड़ता है, इससे किसानों को फायदा कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इन जिलों के अंदर चाय का सेंटर बन सकता है।

बिहार के किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार में काफी संख्या में किसान चाय की खेती कर रहे हैं। एक हेक्टेयर में चाय की खेती करने पर 4 लाख रुपये से अधिक खर्च होते हैं।बिहार सरकार ने विशेष उद्यानिक फसल योजना के तहत किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का फैसला किया है। अभी सिर्फ 4 जिलों के किसान ही इस योजना की लाभ उठा सकते हैं।

राज्य सरकार ने प्रदेश के अंदर चाय की खेती को बढ़ावा देने की योजना बनायी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने प्रदेश में चाय के रकबे को बढ़ाने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का फैसला किया है। खास बात यह है कि इसके लिए बिहार सरकार ने इकाई लागत 4 लाख 94 हजार रुपये निर्धारित की है।

बिहार सरकार ने विशेष उद्यानिक फसल योजना के तहत किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का फैसला किया है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि सरकार चाय का क्षेत्र राज्य में विस्तारित करना चाहती है. इसी के लिए उसने सब्सिडी की शुरुआत की है।

खास बात यह है कि अभी किशनगंज, कटिहार, अररिया और पूर्णिया जिले के किसान ही सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। इस तरह 50 प्रतिशत सब्सिडी के बाद किसानों को सरकार की ओर से 2 लाख 47 हाजर रुपये फ्री में मिलेंगे। अगर किसान भाई इस योजना के बारे में अधिक जानकारी हासिल करना चाहते हैं, तो प्रखंड उद्यान पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

About admin

Check Also

पराली जलाने से रोकने के लिए पंजाब-सरकार देगी 22 हज़ार पराली निपटारा मशीनें

पराली जलाने से रोकने के लिए पंजाब-सरकार देगी 22 हज़ार पराली निपटारा मशीनें

धान की फ़सल जाड़ा आने के साथ पक जायेगी। धान की फसल के अवशेष के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *