प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी के अनुसार पेराई सत्र 2023-24 के लिये सट्टा एवं आपूर्ति नीति में कृषक हितों के दृष्टिगत कई बदलाव किये गये हैं, जिनमें मुख्य रूप से गन्ना कृषकों की बढ़ रही उपज के दृष्टिगत प्रति हेक्टेयर सट्टे की सीमा में सार्थक बढ़ोत्तरी की गई है।इस वर्ष की आपूर्ति नीति में प्रति कृषक गन्ना सट्टे की सीमा सीमान्त कृषक (1 हेक्टेयर तक) के लिए अधिकतम 850 कु. से बढ़ाकर 900 कु., लघु कृषक (2 हेक्टेयर तक) के लिये 1,700 कु. से बढ़ाकर 1800 कु. तथा सामान्य कृषक (5 हेक्टेयर तक) के लिये 4,250 कु. से बढ़ाकर 4500 कु. की गई एवं उपज बढ़ोत्तरी की दशा में सट्टे की अधिकतम सीमा सीमान्त, लघु एवं सामान्य कृषक हेतु क्रमशः 1350 कु. से बढ़ाकर 1400 कु., 2,700 कु. से बढ़ाकर 2800 कु. तथा 6,750 कु. से बढ़ाकर 7000 कु. निर्धारित की गई है।
गन्ना आयुक्त ने छोटे किसानों को बड़ी राहत देते हुए अब 60 कुन्टल की जगह 72 कुन्टल तक के सट्टा धारक गन्ना किसानों को छोटे कृषक की श्रेणी में शामिल कर दिया है। इससे इन सट्टा धारकों को 45 दिन के अन्दर गन्ना आपूर्ति की सुविधा मिल सकेगी।आयुक्त ने बताया कि गन्ना कृषकों की मांग के चलते सट्टा नीति में यह भी निर्णय लिया गया है कि यदि किसी सट्टाधारक सदस्य कृषक की मृत्यु पेराई सत्र के दौरान हो जाती है तो कृषक की आपूर्ति योग्य गन्ने की सामयिक खपत के दृष्टिगत उसका सट्टा चालू रखा जाएगा। सैनिकों, अर्द्धसैनिक बलों, भूतपूर्व सैनिकों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं उनके विधिक उत्तराधिकारियों को सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर गन्ना आपूर्ति में 20 प्रतिशत की प्राथमिकता दी जाएगा।
कृषकों को शिकायत निवारण प्रणाली के अन्तर्गत उत्कृष्ट सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से मुख्यालय स्तर पर एक कन्ट्रोल रूम की व्यवस्था की गयी है जिसमें स्थापित टोल फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर कृषक सीधे अपनी शिकायतें दर्ज कराकर समाधान प्राप्त कर सकते हैं।