कृषि क्षेत्र बिना पशुपालन के अधूरा है | अब तो प्राकृतिक खेती और ऑर्गेनिक खेती की बात हो रही है, जिसके लिए गोबर की खाद बहुत जरूरी है | इसलिए सरकार का ध् अब कृषि के साथ-साथ पशुपालन क्षेत्र पर भी है | ऐसे में ज्यादा से ज्यादा पशुपालकों को केसीसी के तहत दो लाख रुपये तक का रियायती लोन दिलाकर उनके कारोबार का विस्तार करवाने की कोशिश हो रही है | जबकि पहले इसकी सुविधा सिर्फ खेती करने वालों को मिलती थी |
हरियाणा के पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कृषि भवन में एक अभियान की शुरुआत की | जिसके तहत अधिक से अधिक पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड देने की मुहिम चलाई जाएगी | पशुपालन और डेयरी मंत्रालय वित्तीय सेवा विभाग के सहयोग से सभी पात्र पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड सुविधा देने के लिए जून 2020 से अभियान चला रहा है. जिसका एक चरण 15 मार्च 2023 को खत्म हुआ है. अब अगले एक साल के लिए फिर से इसकी शुरुआत की गई है |
सरकार का दावा है कि इसके तहत जिला स्तर पर केसीसी शिविर लगाकर, मौके पर ही आवेदनों की जांच करके किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ दिया जाएगा | जिससे पशुपालकों को अपना काम आगे बढ़ाने के लिए पैसा मिलेगा | एएचडीएफ केसीसी अभियान के जरिए दुग्ध संघों से जुड़े उन सभी पात्र डेयरी किसानों को शामिल किया जाएगा जिन्हें पहले लाभ नहीं मिला | केसीसी के माध्यम से इस क्षेत्र में रियायती ब्याज दर पर पैसा पहुंचाकर इसे आगे बढ़ाने की कोशिश हो रही है | गाय-भैंस और दूसरे दुधारू पशुओं को पालने के लिए सस्ता लोन उपलब्ध होगा |
इस अभियान के अगले चरण की शुरुआत करते वक्त बताया गया कि अब तक मंत्रालय ने कुल 27,09,803 किसानों के लिए केसीसी मंजूर किए हैं | कृषि क्षेत्र के लिए जहां 3 लाख रुपये तक का लोन सिर्फ 4 फीसदी ब्याज पर मिलता है वहीं पशुपालन के लिए यह सीमा सिर्फ 2 लाख रुपये तक की है | कोई पशुपालक चाहे तो लोन की रकम ज्यादा ले सकता है, लेकिन ब्याज पर छूट सिर्फ 2 लाख रुपये तक पर ही मिलती है | हालांकि, कृषि क्षेत्र की तरह ही पशुपालन के लिए भी 1.6 लाख रुपये तक के लोन के लिए गारंटी की जरूरत नहीं होती | फिलहाल, 2023-24 के लिए अभियान की शुरुआत के दौरान करीब सवा लाख पशुपालकों को ऑनलाइन जोड़ा गया था |