पारंपरिक फसलों की बजाय अब मध्य प्रदेश- सरकार सब्जी, फूल और मसाला की खेती का विस्तार कर रही है| सरकार का दावा है कि 2022-23 में ही फल, पौध-रोपण में आम, अमरूद, नीबू, काजू, अनार, अंगूर, ड्रैगन फ्रूट, स्ट्राबेरी, केला, आंवला और संतरा का उत्पादन 2 हजार हेक्टयर से अधिक क्षेत्र में हो रहा है|
मध्य प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि इस वर्ष प्रदेश में 25 हजार मीट्रिक टन कोल्ड स्टोरेज क्षमता बढ़ जाएगी| इससे किसानों को फायदा होगा| किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से भोपाल सहित प्रदेश के दस जिलों में ग्रीन हाउस क्लस्टर बन रहे हैं|
बताया गया कि प्रदेश में 14 लाख 28 हजार मीट्रिक टन कोल्ड स्टोरेज क्षमता के विकास का काम हो चुका है| इस वर्ष 25 हजार मीट्रिक टन क्षमता वृद्धि का लक्ष्य पूरा करने पर फोकस किया जाएगा| उन्होंने अधिकारियों से कहा कि एक जिला-एक उत्पाद” योजना में जिलों में बागवानी फसलों और उत्पादों की ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग की गतिविधियां मिशन मोड पर की जाएं|
सब्जी विस्तार क्षेत्र में भी फसल विविधीकरण का काम हो रहा है| इनमें टमाटर, शिमला मिर्च, खीरा, गिलकी, लोकी, भिण्डी आदि का उत्पादन लिया गया है| पिछले वर्ष की तुलना में सब्जी के साथ ही पुष्प क्षेत्र और मसाला क्षेत्र का विस्तार गतवर्ष की तुलना में 6.45 प्रतिशत अधिक हुआ है| प्रदेश में 137 उद्यानिकी नर्सरियों को स्व-सहायता समूहों से पीपीपी मोड पर सुदृढ़ीकरण के लिए चयनित किया गया. इससे 93 लाख 75 हजार पौधे तैयार किए गए हैं|
फसलों की उत्पादकता में वृद्धि और विविधीकरण, कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रयास, प्रमाणित जैविक उत्पादन में वृद्धि, कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादों का मूल्य संवर्धन के निर्देश दिए| बैतूल जिले में शेडनेट निर्माण का क्लस्टर विकसित किया गया| प्रदेश के दस जिलों भोपाल, सीहोर, उज्जैन, रतलाम, नीमच, बड़वानी, खण्डवा, खरगौन जबलपुर और छिंदवाड़ा में ग्रीन हाउस क्लस्टर विकसित किए जाएंगे|