गेंदे के फूलों की बाजार मांग को देखते हुए किसानों के लिए इसका उत्पादन बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। खास बात तो यह है कि इसकी खेती कम जगह पर भी आसानी से की जा सकती है। यदि आपके पास 1 हेक्टेयर भी जमीन है तो आप इसकी खेती कर हर साल करीब 15 लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं। बेशर्त है कि आप इसके उत्पादन काल में आने वाली सावधानियों को ध्यान में रखा जाए तो अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। बता दें कि गेंदा की फसल भूमि की उपजाऊ क्षमता भी मददगार है। इस तरह ये फसल चक्र अपनाने वाले किसानों के लिए काफी लाभकारी फसल है। वहीं इसकी उत्पादन लागत की बात करें तो इसमें कोई भारी भरकम खर्चा नहीं आता है। आप मामूली खर्च में भी इसकी खेती कर सकते हैं।
शादी, त्योहार समेत ज्यादातर शुभ मौकों पर गेंदे के फूलों का इस्तेमाल होता है। ये फूल सजावट के काम आता है। वहीं कई गंभीर रोगों की दवाएं बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है। कैंसर और हृदय रोग में इस फूल के रस का इस्तेमाल किया जाता है। यह फूल त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं के इलाज में भी काम आता है। इसके अलावा इसके फूल से इत्र और अगरबत्ती भी बनाई जाती है। इस तरह इसकी बाजार अन्य फूलों की अपेक्षा काफी अधिक है। यहीं नहीं इसकी मांग बाजार में साल के पूरे 12 महीने बनी रहती है।
गेंदा की खेती विभिन्न प्रकार की मृदाओं में की जा सकती है। लेकिन इसके अच्छे उत्पादन के लिये अच्छे जल निकास वाली दोमद भूमि अच्छी मानी जाती है। जिसका पी.एच.मान 7-7.5 होना चाहिए।
गेंदा के अच्छे उत्पादन के लिए शीतोष्ण और समशीतोष्ण जलवायु अच्छी मानी जाती है. अधिक गर्मी एवं अधिक सर्दी पौधों के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है। इसके उत्पादन के लिये तापमान 15-30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।
वैज्ञानिकों के मुताबिक गेंदे की बुआई साल में तीन बार की जा सकती है। खरीफ सीजन में गेंदे की रोपाई आमतौर पर जून-जुलाई करते हैं, लेकिन जहां पानी की उपलब्धता है, वे किसान अगस्त तक कर सकते हैं। अक्टूबर से फरवरी तक फूलने का समय आ जाता है यानी नवरात्र और दीपावली पर फूलों की आवक आ जाती है। इसकी खेती सर्दी, गर्मी एवं वर्षा तीनों मौसम में आसानी से की जा सकती है।
इसकी नर्सरी के लिए ऊंचे स्थान का चयन करना चाहिए जिसमें समुचित जलनिकास हो, और नर्सरी का स्थान छाया रहित होना चाहिए। जिस जगह पर नर्सरी लगानी हो वहां की मिट्टी को समतल किया जाता है।
उच्च तापमान, अधिक ठंड एवं पाला का गेंदे की फसल पर विपरीत प्रभाव डालता है। इसलिए इससे फसल को बचाना बेहद जरूरी होता है।
जब गेंदे की फसल लगभग 45 दिन की हो जाए तो पौधे की शीर्ष कलिका को 2-3 से.मी. मीटर काटकर निकाल देना चाहिए जिससे कि पौधे में अधिक कलियों का विकास हो सके और इससे गेंदा की अधिक फूल प्राप्त होते हैं।
फूलों की तुड़ाई अच्छी तरह से खिलने के बाद करना चाहिए। फूल तोडऩे का सबसे अच्छा समय सुबह या शाम का होता है। फूलों को तोडऩे से पहले खेत में हल्की सिंचाई करनी चाहिए जिससे फूलों का ताज़ापन बना रहता है।
एक एकड़ खेत में हर हफ्ते 3 क्विंटल तक फूल की पैदावार हो जाती है। खुले बाजार में इसके फूल की कीमत 70 रुपए प्रति किग्रा तक मिल जाती है यानी हर हफ्ते 20 हजार रुपए तक की आमदनी हो सकती है। बता दें कि हर साल गेंदे के फूल की खेती तीन बार की जा सकती है। इसको एक बार लगाने के बाद दो साल तक फूल छांटे जा सकते हैं। सालभर में एक एकड़ खेती में करीब 1 लाख रुपए की लागत आती है और इससे हर साल 5-6 लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं।