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अग्निपथ’ के विरोध में किसान,संसद में केंद्र को घेरेंगे, 31 को चक्का जाम

संयुक्त किसान मोर्चा ने गाजियाबाद में रविवार को कई मुद्दों पर चर्चा की| इसमें किसान आंदोलन खत्म करने के दौरान किए गए केंद्र सरकार के वादे, अग्निपथ योजना, टेनी की बर्खास्तगी, सीतलवाड़- ज़ुबैर की गिरफ्तारी जैसे मसलों पर भी बात हुई| उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर चिंता जतायी|

केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों ने फिर से लामबंद होने की तैयारी कर ली है. संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को बताया कि किसान आंदोलन की लंबित मांगों को लेकर से 31 जुलाई को देशभर में चक्का जाम करेंगे.

गाजियाबाद में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी किसान संगठनों 15 राज्यों के लगभग 200 प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए| इसमें कहा गया कि 9 दिसंबर 2021 को मोर्चा उठाने पर सरकार ने किसानों से जो वादे किए थे, उन पर वह पूरी तरह मुकर गई है| सरकार ने न तो एमएसपी को लेकर कमेटी का गठन किया न ही आंदोलन के दौरान किसानों पर लगाए गए झूठे मुकदमे वापस लिए|

योगेंद्र यादव के मुताबिक सरकार बिजली बिल को संसद में लाने की कोशिश कर रही है लेकिन किसानों की सबसे बड़ी मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी है और सरकार इस मांग पर विचार करने को भी तैयार नहीं है.

उन्होंने बताया कि सरकार की इस वादा-खिलाफी के विरोध में 18 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत से 31 जुलाई शहीद उधम सिंह की शहादत दिवस तक देशभर में जिला स्तर पर वादा-खिलाफी विरोधी सभा की जाएगी| इसके अलावा 31 जुलाई को सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक देशभर में मुख्य मार्ग पर चक्का जाम किया जाएगा|

इतना ही नहीं लखीमपुर कांड में चार किसान और एक पत्रकार की हत्या की गई थी। इस घटना के आरोपियों पर अभी तक सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की गिरफ्तारी और मंत्री पद से हटाने की मांग कर 18 से 20 अगस्त तक लगातार 75 घंटे किसान जिला मुख्यालय का घेराव करेंगे।

किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां के मुताबिक संयुक्त किसान मोर्चा के इलाहाबाद में किसान नेता आशीष मित्तल को झूठे मामलों में फंसाने, बंगाल के फरक्का में अडाणी के हाई-वोल्टेज तार का विरोध कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज, छत्तीसगढ़ में विरोध कर रहे किसानों के दमन का विरोध करता है|

उन्होंने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़, आरबी श्रीकुमार और मोहम्मद ज़ुबैर जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की गिरफ्तारी देश में लोकतांत्रिक अधिकारों पर बढ़ते दमन का संकेत है|

किसान नेता युद्धवीर सिंह के मुताबिक पंजाब चुनाव के मुद्दे पर संयुक्त किसान मोर्चा से अलग किए गए 16 संगठनों को रविवार को मोर्चे में फिर से शामिल कर लिया गया|

इसके अलावा बैठक में चंद्रशेखर कोडीहल्ली के नेतृत्व वाली कर्नाटक राज्य रैय्यत संघ को संयुक्त किसान मोर्चा से निष्कासित करने का भी निर्णय लिया गया|

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