गोरखपुर व आसपास के क्षेत्रों में कई एथेनाल प्लांट स्थापित हो रहे हैं। इन प्लांटों के लिए कच्चे माल की उपलब्धता किसी चुनौती से कम नहीं है। मक्का व टूटे चावल आदि का कच्चे माल के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन यह भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा। इस समस्या से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदेश डिस्टिलरी एसोसिएशन (यूपीडीए) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के साथ मिलकर पहल करने जा रहा है। इसके लिए किसानों के साथ अनुबंध किया जाएगा। उनके खेत में आइसीएआर के विशेषज्ञों की देखरेख में सफेद मक्का पैदा किया जाएगा और उसे एथेनाल बनाने वाली कंपनी खरीदेगी।
दिव्यांशु मिश्रा