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आलू की तापरोधी किस्मों के लिए बीस केंद्रों पर हो रहा शोध

जलवायु परिवर्तन को देखते हुए कृषि वैज्ञानिक अब आलू की किस्मों में भी बदलाव करने में जुट गए हैं ताकि विपरीत परिस्थितियों में भी इसका उत्पादन बढ़ता रहे| इस संबंध में पेरू स्थित अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र और भारत के बीच एक समझौता हुआ है| इसके तहत हरियाणा चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय इस केंद्र के साथ मिलकर आलू की तापरोधी उन्नत किस्मों के गुणवत्ताशील बीज विकसित करेगा|

इस समझौते के मुताबिक विश्वविद्यालय, अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र से आलू की उच्च गुणवत्तायुक्त पौध सामग्री प्राप्त करके उसका संवर्धन करेगा और आलू की खेती करने वाले किसानों को उपलब्ध करवाएगा| आलू भारतीय सब्जियों में प्रमुख फसल है| भारत में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में आलू की पैदावार होती है|

अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. समरेन्दू मोहंती ने बताया कि इस केंद्र द्वारा आलू, शकरकंद और कंदों पर अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के 20 से अधिक देशों में शोध कार्य किया जा रहा है| समझौते पर हस्ताक्षर करते समय मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. मंजु महता, ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, सब्जी विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. टीपी मलिक, डॉ. जयंती टोकस सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे|

कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज की उपस्थिति में विश्वविद्यालय की ओर से अनुसंधान निदेशक डॉ. जीत राम शर्मा जबकि अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की ओर से एशिया के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. समरेन्दू मोहंती ने अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किए| उन्होंने बताया समझौते के तहत आलू केंद्र द्वारा विकसित रोग प्रतिरोधक और दक्षिण अफ्रीका जैसे गर्म देश में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली किस्मों का बीज प्राप्त करके उसका परीक्षण और संवर्धन किया जाएगा| इसके अतिरिक्त प्रौद्योगिकियों और विधियों को सांझा करने के साथ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों का क्षमता निर्माण भी किया जाएगा|

इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि हमारा उद्देश्य हरियाणा प्रदेश को आलू गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन केंद्र बनाना है| इससे किसानों को गुणवत्तापूर्ण रोग मुक्त आलू का बीज उपलब्ध हो सकेगा|इससे आलू के उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि के साथ इसके अंतर्गत क्षेत्र में भी वृद्धि होगी जिसके परिणामस्वरूप किसानों की आमदनी बढ़ेगी और प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा होंगे|

प्रो.काम्बोज ने बताया कि विश्वविद्यालय ने अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के तहत आलू की अब तक 16 किस्में विकसित की हैं| इनमें से कुफरी बादशाह, कुफरी बहार, कुफरी सतलुज, कुफरी पुष्कर, कुफरी ख्याति और कुफरी पुखराज आदि किस्में हरियाणा में बहुत प्रसिद्ध है| उन्होंने बताया वर्ष 2020-21 दौरान हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कुफरी बहार और कुफरी पुष्कर किस्मों का 401.73 क्विंटल बीज उत्पादन किया गया था|

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