उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने में कृषि के साथ-साथ टेक्सटाइल सेक्टर महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
लोक भवन में एक ट्रिलियन डालर इकोनामी के प्रस्तुतीकरण का अवलोकन करते हुए योगी ने मंगलवार को कहा कि यूपी में यह लक्ष्य हासिल करने की पूरी क्षमता मौजूद है। पिछले दो सालों से कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न विषम परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने में सफलता मिली है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति में कृषि महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह उत्तर प्रदेश की ताकत भी है। इसलिए कृषि को लोगों के आर्थिक स्वावलम्बन का आधार बनाना होगा। फूड प्रोसेसिंग सेक्टर पर फोकस करना होगा। परम्परागत खेती को तकनीक से जोड़ते हुए उत्पादकता बढ़ानी होगी। इसके लिए किसानों की कृषि सम्बन्धी गतिविधियों को विज्ञान से जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि कृषि से सम्बन्धित गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा बड़ी संख्या में एफपीओ का गठन किया गया है। कृषि उत्पादों की स्टोरेज के लिए पूरे प्रदेश में कोल्ड चेन स्थापित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश को आकर्षित करना होगा। निवेश ऐसा होना चाहिए, जिससे व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित हों। अगले पांच साल में एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए एक टीम गठित कर समन्वित प्रयास करने होंगे। साथ ही,पांच वर्षों में 05 करोड़ रोजगार के अवसर भी सृजित करने होंगे, ताकि उपलब्ध मैनपावर का उपयोग इस लक्ष्य को हासिल करने में किया जा सके। इस कार्य के लिए सभी को टीम भावना के साथ अपने-अपने दायित्वों का निर्वाह करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में हर्बल प्रोडक्ट्स की काफी मांग है। ऐसे में आयुष डॉक्टर कृषकों के साथ मिलकर जड़ी-बूटियों की खेती को वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़ाते हुए इसे लाभप्रद बना सकते हैं। इनसे बने उत्पादों का उपयोग वे स्वयं द्वारा स्थापित वेलनेस सेण्टरों में कर सकते हैं। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित हो सकता है।